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PLI scheme: पीएलआई योजना में व्हाइट गुड्स के लिए 15 कंपनियां चुनी गईं

PLI scheme:नयी दिल्ली। व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर एवं एलईडी लाइट्स) में पीएलआई स्कीम (उत्पाद से जुड़ी प्रोत्साहन योजना) के दूसरे चरण के तहत कुल 15 कंपनियों का चयन किया गया है। अगले पांच वर्षों के दौरान ये कंपनियां कुल 25,583 करोड़ रुपये के बराबर उत्पादन करेंगी तथा लगभग 4,000 व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन करेंगी। केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इन कंपनियों में 908 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश के साथ एसी के पुर्जों के विनिर्माण के लिए छह कंपनियां और 460 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश के साथ नौ एलईडी कंपनियां शामिल हैं।

एसी पुर्जों के लिए चुनी गयी कंपनियां अडानी कॉपर ट्यूब्स लिमिटेड, एलजी इलेक्ट्रोनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, स्टारिओन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, केन्स टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड, मित्सुबिशी टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड और स्वामीनाथन एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड है। एलईडी के लिए चुनी गयी कंपनियां जिंदल पोली फिल्म्स लिमिटेड, सहस्र सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, कोणार्क फिक्चर्स लिमिटेड, विप्रो एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, लुमेंस एयरकॉन प्राइवेट लिमिटेड, एसवीएन ऑप्टो इलेक्ट्रोनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, क्रौम्प्टन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, एल्विन इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड, एस्को कास्टिंग एंड इलेक्ट्रोनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, जेको एयरकॉन लिमिटेड, ईएमएम ईएसएस एयरकौन प्राइवेट लिमिटेड, स्पीडओवर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सिम्को टेलीकम्युनिकेशंस (साउथ एशिया) लिमिटेड है।

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आवेदनों के प्रथम दौर में, 52 कंपनियों ने अपने आवेदन दायर किए थे और 5,264 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश के साथ 46 आवेदकों का चयन किया गया था। दोनों दौरों में अनुमोदित 61 आवेदकों द्वारा लगभग 6,632 करोड़ रुपये के बराबर का एसी तथा एलईडी लाइट उद्योग के कंपोनेंट विनिर्माण इकोसिस्टम में निवेश लाने तथा लगभग 46,368 प्रत्यक्ष रोजगार अवसरों को सृजित किए जाने की उम्मीद है। इस योजना से अगले पांच वर्षों के दौरान लगभग 1,22,671 करोड़ रुपये के बराबर एसी तथा एलईडी लाइट के पुर्जों का कुल उत्पादन होने की उम्मीद है।

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि व्हाइट गुड्स के लिए PLI scheme के परिणामस्वरूप घरेलू मूल्यवर्धन के वर्तमान 15-20 प्रतिशत से 75-80 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों, मानकों तथा लेबलों सहित पीएलआई स्कीम और अन्य नियामकीय उपायों ने एसी तथा एलईडी में मेक इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत को अत्यधिक बढ़ावा दिया है।


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