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नयी शिक्षा नीति में महात्मा गांधी की नयी तालीम की अनुसरण: नायडू

नयी दिल्ली। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने युवाओं से राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की दिशा में काम करने का आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति मातृभाषा के संदर्भ में महात्मा गांधी की ‘नई तालीम’ का अनुकरण करती है।

उपराष्ट्रपति ने महाराष्ट्र के वर्धा में महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि हमारी भाषाई विविधता हमारी शक्ति है, हमारी भाषाएं हमारी सांस्कृतिक एकता को अभिव्यक्त करती हैं। उन्होंने कहा कि भाषाई एकता को मजबूत करने के लिए भारतीय भाषाओं में संवाद बढ़ना चाहिए और विश्वविद्यालयों के भाषा विभागों में निरंतर संवाद और संपर्क बना रहना चाहिए।

श्री नायडू ने कहा कि हमें अपनी अभिव्यक्ति की आज़ादी को भाषा की मर्यादा और समाज के अनुशासन में रहकर प्रयोग करना चाहिए जिससे समाज में अनावश्यक विवाद पैदा नहीं हों। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में डाॅ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण तथा अटल बिहारी वाजपेयी भवन एवं चंद्रशेखर आजाद छात्रावास का लोकार्पण किया गया।

श्री नायडू ने कहा कि विदेशों में फैले हिंदी भाषी प्रवासी भारतीय समुदाय और हिंदी भाषी देशों को भारत से जोड़े रखने में, भारतीय भाषाओं की अहम भूमिका है और विश्व विद्यालयों को इसे प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने हिंदी भाषी देशों और प्रवासी भारतीय समुदाय के लेखकों की साहित्यिक कृतियों को विश्वविद्यालयों में बौद्धिक विमर्श में शामिल करने को भी कहा।

उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में साहित्य का अनुवाद अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाय जिससे युवा इसे पढ़ सके और इससे जुडाव महसूस कर सके।
इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले, वर्धा के सांसद रामदास तड़स, कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल सहित अनेक गणमान्य अतिथि, विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।

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