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राहुल गांधी के दफ्तर पर हमला, मची भारी तोड़फोड़…, DSP निलंबित

कोच्ची: केरल की वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय पर हमला मामले की जांच ADGP करेंगे। इससे पहले मामले में केरल सरकार ने कार्रवाई करते हुए कलपेट्टा के DSP को निलंबित कर दिया। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को राहुल गांधी के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी।

 

राहुल गांधी के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के मामले में केरल सरकार ने शुक्रवार रात को ही ADGP रैंक के एक अधिकारी से उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया और कालपेट्टा के पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) द्वारा बयान जारी करते हुए कहा गया है कि राज्य सरकार राहुल गांधी के दफ्तर तक मार्च और उसके बाद हुई तोड़फोड़ की घटना की उच्च स्तरीय जांच करेगी। CMO की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ADGP को मामले की जांच करने और एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। घटना के समय इलाके के प्रभारी कालपेट्टा डीएसपी को जांच लंबित रहने तक सस्पेंड कर दिया गया है।

 

बता दें कि कुछ दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय ने पर्यावरण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। उस फैसले में स्पष्ट कर दिया गया कि संरक्षित वनों, वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास का एक किमी वाला पूरा क्षेत्र, पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) रहेगा। ESZ के जो भी तमाम गतिविधियां होती रहती हैं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने ये फैसला सुनाया है। मगर केरल में विवाद इस बात को लेकर है कि यदि ये नियम वहां सख्ती से लागू कर दिया जाता है तो पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में रह रहे लोगों का क्या होगा, वो कहां जाएंगे?

 

इसी मुद्दे को लेकर SFI के कार्यकर्ताओं ने वायनाड में प्रदर्शन किया था और राहुल गांधी के विचार जानने की कोशिश की। वैसे अभी तक इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने मीडिया से तो कोई बात नहीं है, मगर उनकी ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी गई है। चिट्ठी में राहुल गांधी ने बताया है कि शीर्ष अदालत के फैसले के कारण वायनाड के स्थानीय लोगों की चिंता बहुत बढ़ गई है। इस एक फैसले के कारण खेती से लेकर दूसरी गतिविधियों पर असर पड़ने वाला है। ऐसे में उनकी ओर से पीएम मोदी से अपील की गई है कि पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की सुविधा और उनकी आजीविका का भी पूरा ध्यान रखा जाए।

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