प्रधानमंत्री हो या उसकी सौ साल की मां, दोनों करते हैं कानून का पालन : मोदी
अमेठी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीति में परिवारवाद से समूची व्यवस्था को हो रहे नुकसान से मतदाताओं को आगाह करते हुए कहा है कि परिवारवादी पार्टियों के सत्तारूढ़ होने पर पूरी संवैधानिक व्यवस्था प्रभावित होती है, जिसमें नियम कानून ताक पर रखकर एक परिवार के हित के लिये काम होता है, जबकि वह ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें कानून का पालन प्रधानमंत्री भी करता है और सौ साल की उसकी मां भी करती है।
मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश में विधानासभा चुनाव के दौरान अमेठी में एक जनसभा में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दलों को परिवारवाद का पोषक बताते हुए इन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कारोना के टीकाकरण अभियान का उदाहरण देते हुए मतदाताओं को समझाया कि किस तरह परिवारवादी पार्टियों ने तुष्टीकरण की राजनीति के कारण इस अभियान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि काेरोना के टीकाकरण अभियान के बारे में इन परिवारवादियों का जो रवैया रहा है, वो भी पूरे उत्तर प्रदेश, पूरे देश ने देखा है लेकिन इनके अपने कार्यकर्ताओं ने इनकी बात नहीं मानी और टीका लगवाया। मोदी ने कहा, “जब वैक्सीनेशन शुरू हुआ तो मोदी खुद दौड़कर सबसे पहले वैक्सीन लगवाने के लिए नहीं पहुंच गया। हमने पहले स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को, सफाई कर्मचारियों को, बुजुर्गों को, गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को वैक्सीन लगवाने का मौका दिया।”
टीकाकरण के नियमों का पालन सुनिश्चित करने को लेकर प्रधानमंत्री ने खुद अपना और अपनी मां का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “आप ये भी देखिए मैंने भी वैक्सीन तब लगवाई जब नियम से मेरा नम्बर आया। मेरी मां 100 साल की हैं और उन्होंने भी लाइन नहीं तोड़ी। जब उनका नंबर आया, तब ही उन्होंने वैक्सीन लगवाई। मेरी मां ने बूस्टर डोज अभी नहीं लगवाया, क्योंकि उन्हें कोई बीमारी नहीं है। कानून-नियमों का पालन प्रधानमंत्री भी करता है। प्रधानमंत्री की 100 वर्ष आयु की मां भी करती हैं।” उन्होंने कहा कि अगर टीकाकरण का ये काम परिवारवादी सरकार में होता तो सारी लाइनें तोड़कर ये लोग खुद सबसे पहले वैक्सीन लगवाते।