‘एकनाथ शिंदे को सीएम पद का ऑफर दिया था’, आदित्य ठाकरे का बड़ा खुलासा
मुंबई: महाराष्ट्र में इन दिनों सियासी संकट छाया हुआ है। इन सभी के बीच बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) कैंप में फूट पड़ गई है। जी हाँ और शिंदे गुट का एक धड़ा लगातार उद्धव ठाकरे कैंप के संपर्क में है। खबरों के अनुसार शरद पवार के साथ आज (26 जून, रविवार) महा विकास आघाड़ी की अहम बैठक में शिवसेना के सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) के समर्थक नेताओं ने यह दावा किया कि शिंदे गुट के 20 विधायक उनके लगातार संपर्क में हैं। जी हाँ और यह दावा संजय राउत ने भी आज (26 जून, रविवार) सुबह पत्रकारों से बात करते हुए किया कि कुछ लोगों को पार्टी में वापस लेने पर विचार किया जा सकता है। वे हमारे संपर्क में हैं।
इन सभी के बीच आदित्य ठाकरे ने एक बड़ा खुलासा किया है। जी दरअसल उन्होंने आज मुंबई में शिवसेना की रैली में यह कहा कि, ’20 मई को सीएम उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को सीएम पद का ऑफर दिया था। इसके बावजूद एकनाथ शिंदे ने 20 जून को बगावत कर दी। जब ऑफर दिया गया तो एकनाथ शिंदे ने टालमटोल किया था।’ इसी के साथ आदित्य ठाकरे ने साफ कहा, ‘सीएम उद्धव ठाकरे ने शिंदे से कहा, तुम्हें सीएम बनना है क्या? लो मैं तुम्हें बनाता हूं सीएम। लेकिन इस सवाल के बाद एकनाथ शिंदे टालमटोल करने लगे और फिर 20 जून को बगावत कर दी।’
इसी के साथ आदित्य ठाकरे ने भी यह दावा किया कि शिंदे गुट के 15-16 विधायक उनके संपर्क में हैं। जी दरअसल उन्होंने यह भी सवाल किया कि शिंदे गुट का हिंदुत्व ढाई साल तक कहां गया था? आप सभी को बता दें कि एकनाथ शिंदे समर्थक ग्रुप में एक धड़ा यह मानता है कि शिवसेना में अगर वापस लौट भी गए तो अब पहले वाली बात नहीं रह जाएगी। जी हाँ और उनका यह भी मानना है पार्टी में उन्हें हमेशा शक की नजरों से देखा जाएगा। जिस हिंदुत्व की नीति को लेकर वे बागी हुए थे, उस हिंदुत्व को लेकर बीजेपी कभी समझौता नहीं करेगी।
बीजेपी एक बड़ी पार्टी है, वह उनके सुख-दुख का ख्याल करेगी। जबकि दूसरे गुट का मानना है कि उनका मकसद अपना असंतोष अपने शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाना था। उनका मकसद कभी पार्टी छोड़ने का नहीं था। ऐसे में हिंदुत्व की लाइन पर लाकर, अपना असंतोष जता कर और अपनी मांगें मनवा कर शिवसेना में लौटने में ही भलाई है।