‘इमरजेंसी भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है’: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 1975 की इमरजेंसी को भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक काला धब्बा बताया। केवल यही नहीं बल्कि उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘लोकतंत्र हर भारतीय के डीएनए में है और 47 साल पहले, लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था लेकिन देश की जनता ने इसे कुचलने की तमाम साजिशों का लोकतांत्रिक तरीके से जवाब दिया।’ जी दरअसल पीएम मोदी G-7 में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी दौरे पर थे और यहाँ पर उन्होंने ऑडी डोम स्टेडियम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘हम भारतीय जहां भी रहते हैं अपने लोकतंत्र पर गर्व करते हैं।’ इसी के साथ उन्होंने कहा, ‘आज 26 जून है। 47 साल पहले लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था। इमरजेंसी भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है। भारत में 25 जून 1975 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी का ऐलान किया था। यह 21 मार्च 1977 को हटाई गई थी।’ आपको बता दें कि पीएम मोदी ने करीब 30 मिनट तक भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया। वहीं इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत की जनता ने लोकतंत्र को कुचलने की सभी साजिशों का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से दिया। मोदी ने कहा, मोदी ने कहा कि भारतीयों को अपने लोकतंत्र पर गर्व है। आज, हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत लोकतंत्र की जननी है। संस्कृति, भोजन, कपड़े, संगीत और परंपराओं की विविधता हमारे लोकतंत्र को जीवंत बनाती है। भारत ने दिखाया है कि लोकतंत्र उद्धार कर सकता है।’
केवल यही नहीं बल्कि पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान भी इमरजेंसी का जिक्र कर कहा, ‘दुनिया के अन्य देशों में ऐसे उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं, जहां लोगों ने लोकतांत्रिक तरीकों से तानाशाही मानसिकता को हराया।’ वहीं म्यूनिख में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए PM ने कहा, भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रहा है। उपलब्धियों की यह लिस्ट बहुत लंबी है। अगर मैं बोलता रहूं तो आपके रात के भोजन का समय खत्म हो जाएगा। जब कोई देश सही नीयत से सही फैसले समय पर लेता है तो उसका विकास होना तय है।