Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का सख्त रुख, पाकिस्तान पर कार्रवाई तेज

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें आतंकवादियों के खिलाफ ठोस रणनीति तैयार की गई। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने पहले ही आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत का एक्शन मोड:
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए, के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना रवैया और सख्त कर दिया है। इस हमले के बाद भारत ने त्वरित और निर्णायक कदम उठाए हैं, जिसका सीधा असर पाकिस्तान पर देखने को मिल रहा है।
सिंधु जल संधि स्थगित:
भारत ने सबसे बड़ा फैसला लेते हुए सिंधु जल संधि (1960) को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता है। भारत का स्पष्ट कहना है कि यह संधि तभी बहाल की जाएगी, जब पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना पूरी तरह से बंद कर देगा। यह कदम पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इससे उसके जल संसाधन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
अटारी बॉर्डर सील:
इसके अतिरिक्त, भारत ने अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। यह सीमा चौकी भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही का एक महत्वपूर्ण केंद्र थी। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वैध दस्तावेजों के साथ इस मार्ग से भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई तक वापस लौटना होगा। इस फैसले से दोनों देशों के बीच सीमा पार गतिविधियों पर तत्काल रोक लग गई है।
पाकिस्तानी राजनयिक ‘अवांछित’:
भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को भी ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित कर दिया है। यह कूटनीतिक कदम पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव को दर्शाता है और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की गंभीरता को रेखांकित करता है।
दहशत में पाकिस्तान:
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में भी दहशत का माहौल है। शहबाज शरीफ की सरकार को आशंका है कि भारतीय सेना पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है। भारत के इन सख्त फैसलों ने पाकिस्तान की चिंताएं और बढ़ा दी हैं।
आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों की समीक्षा की गई और भविष्य की रणनीति पर गहन चर्चा हुई। माना जा रहा है कि इस बैठक में आतंकवादियों के सफाए के लिए एक व्यापक और निर्णायक योजना तैयार की गई है। भारत सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि वह सीमा पार आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ हर संभव कदम उठाएगी।
निष्कर्ष:
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का यह सख्त रुख आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए इन कड़े कदमों से स्पष्ट है कि भारत अब सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने के मूड में है। आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।
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