भाजपा के ‘करीब’ होता जा रहा पसमांदा मुसलमान, बोले- पीएम मोदी हमारा दर्द समझ सकते हैं…
नई दिल्ली: मुस्लिम में पसमांदा राजनीति तेज होती जा रही है और भाजपा की नजर भी मुस्लिमों के इसी वोट बैंक पर है. ऐसे में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और भाजपा नेता आतिफ रशीद के नेतृत्व में शुक्रवार को दिल्ली में पसमांदा मुस्लिम समाज की एक बड़ी बैठक हुई. इस दौरान पसमांदा मुसलमानों के शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और आर्थिक बराबरी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर पिछड़ेपन के लिए चिंता प्रकट की गई.
बैठक के दौरान इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की गई कि चुनाव के दौरान ही पसमांदा संगठन सक्रिय होते हैं और केवल सियासत में हिस्सेदारी की बात करते हैं, जिससे पसमांदा मुस्लिमों के मूल मुद्दे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और आर्थिक बराबरी जैसे बड़े मुद्दे पीछे छूट जाते है. ऐसे में पसमांदा मुस्लिम समाज तथाकथित सेक्युलर दलों का केवल वोट बैंक बनकर रह जाते है. आतिफ रशीद ने पसमांदा मुस्लिम समाज के समक्ष एक सुझाव रखा कि क्यों ना हम सब पिछड़े मुस्लिम और पिछड़ों में भी अति पिछड़े मुस्लिम अभी शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में कार्य करें.
उन्होंने सुझाव दिया कि विकास की दौड़ में हम पिछड़ते जा रहे हैं. ऐसे में पसमांदा समाज को भारत की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के साथ दूरी बनाकर चलने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि जुड़कर काम करने की आवश्यकता है. देश के ज्यादातर राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में भाजपा की सरकार है, जबकि बिहार में भाजपा के सहयोगी दल की सरकार है. ऐसे में इन सरकारों के जरिए पसमांदा मुस्लिम समाज के मुद्दों का समाधान किया जा सकता है.
पसमांदा मुसलमानों के मुद्दों को लेकर दिल्ली में पसमांदा मुस्लिम अधिकार सम्मेलन करने की योजना बनाई है. इस सम्मेलन में केंद्र की मोदी सरकार से पसमांदा समाज के लिए शिक्षा और रोज़गार की सीधी मांग की जाएगी, साथ ही बदले में पसमांदा समाज पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के साथ चलेगा. बैठक में शामिल होने आए पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों ने एक स्वर में कहा कि हमारे देश के पीएम मोदी खुद OBC समाज से आते हैं. इसलिए वह और अधिक बेहतर तरीके से पसमांदा समाज के दर्द को समझ सकते हैं.
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