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Poornam Kumar Shaw: BSF जवान की आपबीती पाकिस्तान में सोने की इजाजत नहीं, ब्रश करने पर भी रोक, जासूसों की तरह हुई पूछताछ

पाकिस्तान में 23 दिन तक झेली अमानवीय यातनाएं। जानें, कैसे उन्हें बुनियादी जरूरतों से भी वंचित रखा गया .

Poornam Kumar Shaw: लखनऊ गलती से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंचे सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णम कुमार शॉ 23 दिन बाद वतन लौट आए हैं। बुधवार (14 मई 2025) को पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें भारतीय अधिकारियों को सौंपा। अपनी घर वापसी के बाद पूर्णम ने पाकिस्तान में बिताए खौफनाक दिनों की आपबीती सुनाई है, जिसने हर किसी को स्तब्ध कर दिया है।

अपनी पत्नी रजनी से फोन पर बातचीत में पूर्णम ने बताया कि पाकिस्तान में हिरासत के दौरान उन्हें अमानवीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उन्हें रात भर सोने नहीं दिया जाता था और लगातार पूछताछ की जाती थी, जैसे कि वह कोई जासूस हों। पूर्णम ने बताया कि हालांकि उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया गया, लेकिन हर रात की पूछताछ के बाद वह मानसिक रूप से बुरी तरह थक जाते थे।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रजनी ने बताया कि उनके पति को नियमित रूप से खाना तो दिया जाता था, लेकिन उन्हें बुनियादी मानवीय जरूरतों, जैसे कि ब्रश करने तक की अनुमति नहीं थी। रजनी ने कहा, “जब वे बोलते थे तो बहुत थके हुए लगते थे और कहते थे कि उन्हें बिल्कुल नींद नहीं आती। कैद के दौरान उन्हें तीन अलग-अलग स्थानों पर ले जाया गया।” रजनी ने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सुरक्षाबल उनके पति को किसी एयरबेस पर भी ले गए थे, जिससे परिवार की चिंता और बढ़ गई थी।

23 दिनों के बाद जब रजनी ने अपने पति से बात की, तो दोनों ही भावुक हो उठे। पूर्णम की वतन वापसी पर खुशी जाहिर करते हुए रजनी ने कहा, “यह सभी के योगदान से संभव हो पाया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहती हूं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मामले में काफी सहयोग किया।” उन्होंने आगे कहा कि भारत-पाक के बीच तनावपूर्ण माहौल के कारण परिवार काफी डरा हुआ था, लेकिन भारत सरकार के प्रयासों से उनके पति सुरक्षित लौट आए हैं।

बीएसएफ के अधिकारियों ने इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्णम कुमार शॉ गेहूं की कटाई के लिए किसानों के साथ गेट नंबर 208/1 से सीमा पार खेतों में चले गए थे। निगरानी के लिए दो अन्य BSF जवान भी उनके साथ थे। गर्मी अधिक होने के कारण पूर्णम पास के एक पेड़ की छांव में बैठ गए थे। उसी दौरान, वहां मौजूद एक पाकिस्तानी किसान ने उन्हें देख लिया और पाक रेंजर्स को इसकी सूचना दे दी। कुछ ही देर में पाक रेंजर्स मौके पर पहुंचे और पूर्णम को गिरफ्तार कर लिया। उनकी राइफल भी छीन ली गई थी।

इस घटना ने एक बार फिर सीमा सुरक्षा और मानवीय गरिमा के महत्व पर प्रकाश डाला है। एक जवान का अनजाने में सीमा पार कर जाना और उसके बाद उसे इस तरह की अमानवीय परिस्थितियों में रखना निश्चित रूप से चिंताजनक है। पूर्णम कुमार शॉ की सुरक्षित वापसी भारत सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है, जिसकी उनके परिवार और पूरे देश ने सराहना की है। अब यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे।

(Poornam Kumar Shaw) (Poornam Kumar Shaw)

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