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त्रिपुरा के शाही वंशज ने की राजनीतिक हिंसा के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग

अगरतला। त्रिपुरा के शाही वंशज और त्रिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर देबबर्मन ने रविवार को पुलिस को कहा कि राज्य में हो रही हिंसा और विपक्षी दलों पर हमले के खिलाफ वह उचित कदम उठाये ताकि राज्य की बदनामी न हो। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से त्रिपुरा में विपक्ष पर हमले एक लंबी परंपरा रही है, जिसे कम्युनिस्टों द्वारा राज्य में लाया गया । आधुनिक दृष्टिकोण के साथ सुशासन का वादा करने वाली भाजपा के सत्ता में आने के बाद राज्य के लोगों ने सोचा कि माकपा की विरासत खत्म हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

प्रद्योत ने कहा, “पिछले साल त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) के चुनाव से पहले राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री के क्षेत्र सहित कई स्थानों पर मुझ पर हमला किया गया था। सभी विपक्षी दलों, नेताओं और समर्थकों के कार्यक्रमों पर लंबे समय से हमले हो रहे हैं। इसके अलावा हमले की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे त्रिपुरा की बदनामी हुई है।”

उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन को यह समझना चाहिए कि अपराधियों और असामाजिक तत्वों का कोई राजनीतिक रंग या पहचान नहीं होती है। वे अक्सर शासकों की ढाल लेते हैं और कभी-कभी पार्टियों द्वारा उनका उपयोग भी किया जाता है, लेकिन प्रशासन को कभी अपराधियों और हिंसा के समर्थकों का पक्ष नहीं लेना चाहिए।
प्रद्योत ने कहा, “ मैं पुलिस प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने और लोकतंत्र को व्यवस्थित रखने के लिए उपयुक्त कानून के तहत सभी अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह करता हूं। ”

उन्होंने कहा कि हिंसा और प्रतिहिंसा किसी भी तरह से सरकार और सत्ताधारी दल के लिए मददगार नहीं हो सकती।
इस बीच प्रद्योत ने यह भी घोषणा की कि एडीसी की ग्राम समितियों के चुनाव तत्काल कराने सहित मांगों के पांच सूत्री चार्टर को आगे बढ़ाने के लिए टिपरा मोथा 12 मार्च को विवेकानंद स्टेडियम में एक मेगा रैली करेगी।
उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक राज्य सरकार ग्राम समिति के चुनाव कराने के लिए कदम नहीं उठाती, मोथा लोकतांत्रिक आंदोलनों को आगे बढ़ाती रेहगी और इसके लिए वह उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।

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