Serial:स्मृति ईरानी की छोटे पर्दे पर वापसी ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ को बताया ‘साइड प्रोजेक्ट’, खुद को कहा ‘पार्ट टाइम एक्ट्रेस’
टेलीविजन की दुनिया में 'तुलसी वीरानी' बनकर घर-घर में पहचान बनाने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर छोटे पर्दे पर वापसी कर रही हैं। दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के दूसरे सीजन में वह नजर आएंगी। हालांकि, इस वापसी को लेकर उन्होंने एक दिलचस्प बयान दिया है

Serial:टेलीविजन की दुनिया में ‘तुलसी वीरानी’ बनकर घर-घर में पहचान बनाने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर छोटे पर्दे पर वापसी कर रही हैं। दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के दूसरे सीजन में वह नजर आएंगी। हालांकि, इस वापसी को लेकर उन्होंने एक दिलचस्प बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इस शो को ‘साइड प्रोजेक्ट’ बताया है और खुद को पहले एक राजनेता और फिर एक अंशकालिक (पार्ट टाइम) अभिनेत्री कहा है।
साइड प्रोजेक्ट’ है ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी
स्मृति ईरानी ने स्पष्ट किया कि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ उनके लिए एक ‘साइड प्रोजेक्ट’ है। उन्होंने कहा, “ज्यादातर दर्शकों के लिए यह प्रोजेक्ट एक व्यक्ति नहीं है। यह हमेशा अभिनेताओं का एक समूह होता है, जो एक साथ आते हैं। लेखकों का समूह एक साथ आता है।” उन्होंने स्वीकार किया कि वह उन लोगों के बीच सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता एक पूर्णकालिक राजनेता के रूप में है। उन्होंने अपनी भूमिका की तुलना अन्य राजनेताओं से की जो अंशकालिक वकील, शिक्षक या पत्रकार होते हैं। ईरानी ने कहा कि वह बस ये सब एक साथ कर रही हैं, जिसे समझना मुश्किल है, और वह हमेशा ‘स्पॉटलाइट’ में रहने वाली हैं।
आलोचना पर स्मृति ईरानी का करारा जवाब
अपनी वापसी को लेकर संभावित आलोचनाओं पर भी स्मृति ईरानी ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी आलोचनाएं ‘रचनात्मक या सूचित’ नहीं होती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ ने 25 साल पहले ही कई संवेदनशील सामाजिक मुद्दों, जैसे मैरिटल रेप, वयस्क साक्षरता और इच्छामृत्यु पर बात की थी। ये ऐसे विषय थे जिन्हें उस समय मुख्यधारा के सिनेमा ने भी नहीं छुआ था। ईरानी ने गर्व के साथ कहा कि उनके शो ने एक टीवी स्लॉट में, जिसे परिवार देखते थे, इन मुद्दों को व्यावसायिक रूप से प्रस्तुत किया।
वेतन समानता और प्राइम टाइम का निर्माण
स्मृति ईरानी ने यह भी बताया कि कैसे ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ ने टेलीविजन उद्योग में वेतन समानता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “25 साल तक वेतन समानता नाम की कोई चीज नहीं थी। हम वेतन समानता लाए, जहां किसी की प्रतिभा या लिंग यह तय नहीं करता कि किसी को कितना भुगतान किया जाएगा।” उन्होंने शो के निर्माता एकता कपूर की भी सराहना की, जिन्हें शुरुआत में रात 10:30 बजे का ‘डेड स्लॉट’ दिया गया था, लेकिन उनकी टीम ने मिलकर उसे ‘प्राइम टाइम’ में बदल दिया।
ढाई दशक तक शीर्ष पर रहने का गौरव
स्मृति ईरानी ने अपनी स्क्रीन पर वापसी को लेकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, “49 साल की उम्र में 25 साल तक काम करना, न केवल मीडिया में, बल्कि राजनीति में भी… यह एक सौभाग्य की बात है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के इतिहास में, भगवान के आशीर्वाद से, कोई भी इन दोनों प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों (मीडिया और राजनीति) में सफल नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि एक महिला के रूप में मीडिया और राजनीति में लगातार ढाई दशकों तक शीर्ष पर रहना कोई छोटी बात नहीं है, और इसमें कहीं न कहीं भाग्य और किस्मत की भूमिका रही है।
स्मृति ईरानी की ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में वापसी निश्चित रूप से दर्शकों के लिए रोमांचक होगी, वहीं उनकी यह टिप्पणी कि वह पहले एक राजनेता हैं और फिर एक पार्ट-टाइम अभिनेत्री, उनके बहुआयामी करियर को रेखांकित करती है। शो 29 जुलाई से JioCinema और Star Plus पर रात 10:30 बजे स्ट्रीम होगा।
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