काशी का क्या हाल है? मोदी ने हॉकी ओलम्पियन ललित से पूछा
मेरठ/वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की मेरठ में ओलम्पियन खिलाड़ियों से मुलाक़ात के दौरान वाराणसी के हॉकी ओलंपियन ललित उपाध्याय से वाराणसी और काशी विश्वनाथ धाम के बारे में पूछा “मेरी काशी का क्या हाल है?”
मोदी रविवार को एक रैली को संबोधित करने के लिए मेरठ गए थे। वहां मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के बाद मोदी ने इस नगर और आसपास के क्षेत्रों से आने वाले ओलंपिक और पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों से मुलाकात की। इसी दल में वाराणसी के हॉकी ओलंपियन ललित उपाध्याय भी था। प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से पूछा कि टोक्यो (जापान) में आयोजित होने वाली ओलंपिक और पैरा ओलंपिक प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद स्वदेश लौटने पर उन्होंने क्या किया। सबसे पहले उन्होंने पूछा, “ललित तुम बताओ। आकर क्या किया।”
ललित ने कहा कि बनारस में उसे बहुत प्यार और सम्मान मिला। हॉकी इतना ऊपर आई। इस पर मोदी ने पूछा “मेरी काशी का क्या हाल है?” ललित ने कहा, “महादेव की कृपा है। फिर आपने तो उसमें चार चाँद लगा दिए हैं।” प्रधानमंत्री ने पूछा, “काशी विश्वनाथ धाम गए थे?” ललित ने कहा, “कल ही वहां गया था।” इस पर मोदी ने कहा कि नव वर्ष पर तो वहां बहुत भीड़ थी। ललित ने ‘हाँ’ में उत्तर देते हुए कहा कि ओलंपिक के बाद लोग उन्हें जानने पहचानने में लगे हैं, इसलिए उन्हें दर्शन में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।
मोदी ने खिलाड़ियों से यह भी पूछा कि ओलंपिक प्रतियोगिता के समय उन्होंने खिलाड़ियों को क्या सुझाव दिया था। इस पर खिलाड़ी कुछ समय के लिए चुप हो गए। इस पर मोदी ने कहा, “ललित तुम बताओ।” ललित ने कहा कि आपने हमसे कहा था कि हम स्कूलों में जाकर बच्चों को खेल के प्रति प्रोत्साहित करें। मोदी ने अपना सुझाव दोहराते हुए कहा कि वर्ष 2024 के पेरिस ओलंपिक में जाने के पहले वे कम से कम 75 स्कूलों में जाएं। यह वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव (75वां वर्ष) है। खिलाड़ियों को स्कूलों में जाकर बच्चों को पोषण और फिटनेस के बारे में जानकारी देनी चाहिए तथा बच्चों को खेल के प्रति प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज खिलाड़ी बच्चों के लिए हीरो हैं। फ़िल्मी हस्तियों से बड़े रोल मॉडल हैं। बच्चे उनसे प्रेरणा लेते हैं।