विश्व की सबसे ऊँची श्रीराम मूर्ति का निर्माण नरेश कुमावत के साथ
देवी-देवताओं की मूर्तियों से लेकर श्रीराम की ऊँची रचना तक: नरेश कुमावत का अनूठा कला सफर
Ayodhya Ram Mandir: बड़ी ऊँचाई पर श्रीराम की मूर्ति बनाने का एक नया प्रयास किया जा रहा है, जिसे नरेश कुमावत, मिलेनियम सिटी के प्रमुख मूर्तिकार, देंगे।
महाकार्य की योजना: सरयू नदी के तट पर ऊँची मूर्ति
नरेश कुमावत ने बताया कि इस महाकार्य के लिए लगभग 3 हजार टन धातुओं का प्रयोग होगा, जिसे पंच धातु से बनाया जाएगा। उन्होंने पहले भी विभिन्न देशों में कई मूर्तियां तैयार की हैं, जैसे कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और साउथ अफ्रीका।
कला का रूप: परंपरागत कला में सुधार
नरेश कुमावत ने बताया कि उनका इस क्षेत्र में एक लम्बा संबंध है, और उनके परिवार के सदस्यों ने भी इस कला में अपना योगदान दिया है। उनके द्वारा तैयार की गई मूर्तियां विभिन्न धार्मिक स्थलों में स्थापित की गई हैं और उन्होंने कई रिकॉर्ड्स भी बनाए हैं।
महाकार्य का बजट: 3 हजार करोड़ रुपये का आंकलन
इस नई मूर्ति की ऊँचाई को 823 फुट तय किया गया है, जिसे बनाने में कुल 3 हजार करोड़ रुपये का बजट है। मूर्ति को बनाने में 85 फीसदी कॉपर का इस्तेमाल होगा और यह पूर्ण रूप से स्वदेशी लुक देने का प्रयास किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय पहचान: नरेश कुमावत का योगदान
नरेश कुमावत ने अब तक इंडिया समेत 80 देशों में 230 शहरों में अलग-अलग मूर्तियां स्थापित की हैं, जो उनके कला और साहस को दर्शाती हैं। उन्हें वर्ष 2021 में फ्रांस की सीनेट में सम्मानित भारत गौरव काम भी पुरस्कृत हुआ है।
सारांश: नए भारत की ऊँचाइयों की दिशा में कदम
नरेश कुमावत का यह प्रयास एक नए रूप में भव्यता की ओर कदम बढ़ा रहा है और इसमें उनके संघर्ष, कला का प्रेम, और दृढ़ संकल्प की भावना छिपी है। यह मूर्ति न केवल एक धार्मिक प्रतीक होगी, बल्कि एक नई शिक्षा और साहित्य की ऊँचाइयों को छूने का साक्षरता का प्रतीक भी होगी।
नरेश कुमावत: सपने को हकीकत में बदलते हुए
नरेश कुमावत का यह संघर्ष एक नए भारत की ऊँचाइयों की ओर एक कदम है, जो दुनिया को एक नई दृष्टिकोण देने का प्रयास कर रहा है।
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