राष्ट्रीय

E-Rickshaw: ई-रिक्शा खरीदने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और ट्रेनिंग सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं: हाईकोर्ट!

E-Rickshaw: इलाहाबाद। ई-रिक्शा की बिक्री को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ई-रिक्शा या ई-कार्ट की खरीद-बिक्री के लिए ड्राइविंग लाइसेंस या प्रशिक्षण प्रमाण पत्र (ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) लेना अनिवार्य नहीं है। मोटर यान नियमावली 1989 के नियम 8-A के तहत केवल ई-रिक्शा चलाने के लिए प्रशिक्षण जरूरी है, न कि खरीदने या बेचने के लिए।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने हिंद सर्विसेज नामक फर्म की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्ररब्ध पांडेय यह तर्क रखा कि सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, मेरठ द्वारा जारी आदेश, जिसमें केवल ड्राइविंग लाइसेंस और ट्रेनिंग प्रमाण पत्र रखने वाले व्यक्तियों को ही ई-रिक्शा बेचने की अनुमति दी गई थी, नियमों के विरुद्ध है।

अधिवक्ता प्ररब्ध पांडेय ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि नियम 8-A केवल ई-रिक्शा चलाने के लिए दस दिवसीय प्रशिक्षण की बात करता है और कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के कोई व्यक्ति ई-रिक्शा खरीद नहीं सकता। उन्होंने यह भी बताया कि नियमों में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है जो गैर-प्रमाणपत्र धारकों को ई-रिक्शा खरीदने से रोकता हो।

राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने भी यह स्वीकार किया कि बिक्री पर कोई स्पष्ट प्रतिबंध नहीं है और संबंधित आदेश में भाषा थोड़ी अस्पष्ट हो सकती है।

कोर्ट ने आदेश में कहा कि:

“हमारा ध्यान ऐसी किसी भी व्यवस्था की ओर नहीं दिलाया गया जिससे यह सिद्ध हो कि वाहन की बिक्री केवल प्रमाणपत्र धारकों तक सीमित की जा सकती है।”

अंत में कोर्ट ने संबंधित आदेश के उस भाग को निरस्त कर दिया जिसमें कहा गया था कि ई-रिक्शा की बिक्री केवल ड्राइविंग लाइसेंस और ट्रेनिंग प्रमाणपत्र धारकों को ही की जाए। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि प्राधिकरण नियम 8-A को लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन ई-रिक्शा की बिक्री केवल प्रमाणपत्र धारकों तक सीमित नहीं की जा सकती।

यह निर्णय उत्तर प्रदेश में ई-रिक्शा व्यापारियों और आम जनता दोनों के लिए राहतभरा है।

E-Rickshaw


यह भी पढ़े UP Government: लोकायुक्त संगठन पर भाजपा ‘चाणक्य’ अमित शाह का वादा भूल गई यूपी सरकार !

इ-पेपर : Divya Sandesh

Related Articles

Back to top button