जानवरों के लिए लॉन्च हुई पहली ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वैक्सीन, जानिए कैसे काम करती है Anocovax
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का खतरा अभी गया नहीं है। महाराष्ट्र, केरल के अलावा कई राज्यों में हालात फिर से चिंताजनक नज़र आ रहे हैं। बीते कुछ समय से इंसानों के साथ ही जानवरों में भी तेजी से कोरोना संक्रमण फैलने की खबरों ने लोगों और सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसी बीच भारत में जानवरों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ‘एनोकोवैक्स (Anocovax)’ वैक्सीन लॉन्च कर दी गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश में पहली बार जानवरों के लिए तैयार की गई कोरोना वैक्सीन ‘एनोकोवैक्स’ को गुरुवार (9 जून 2022) को लॉन्च किया। इस वैक्सीन को हरियाणा स्थित ICAR-नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्विन्स (NRC) द्वारा विकसित किया गया है। कई रिसर्च से खुलासा हुआ है कि मनुष्यों ने पालतू जानवरों को कोरोना वायरस से संक्रमित कर दिया है। कई कुत्ते और बिल्लियाँ RTPCR टेस्ट में संक्रमित पाए गए हैं। पालतू जानवरों के लिए टीका आने से कुत्ते और बिल्लियाँ पालने वाले मालिक काफी खुश हैं। खासकर ऐसे वक़्त में जब कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं। पहले वह चाहकर भी उन्हें बचा नहीं पाते थे, मगर अब वह अपने पालतू जानवरों को यह वैक्सीन लगवाकर जानलेवा वायरस से बचा सकेंगे।
ICMR ने एक बयान में कहा है कि एनोकोवैक्स जानवरों के लिए निष्क्रिय सार्स-कोव-2 डेल्टा (कोविड-19) वैक्सीन है। एनोकोवैक्स से मिलने वाली प्रतिरक्षा सार्स-कोव-2 डेल्टा और ओमिक्रोन दोनों वैरिएंट पर असर करती है। ICMR के अनुसार, वैक्सीन में निष्क्रिय सार्स-कोव-2 (डेल्टा) एंटीजन हैं। इसमें अलहाइड्रोजेल एक सहायक के रूप में है। ऐसे में ये टीका जिन जानवरों को लिए सर्वाधिक सुरक्षित माना जा रहा है उनमें कुत्ते, शेर, तेंदुआ, चूहे और खरगोश मुख्य रूप से शामिल हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा (University Of Florida) के वैज्ञानिकों को ताजा रिसर्च में इस बात के सबूत मिले हैं कि कुछ कोरोना वायरस, जो पहले सिर्फ जानवरों को संक्रमित कर रहे थे, वे अब और जानलेवा हो गए हैं। अब यह सूअरों और कुत्तों से मनुष्यों में फैल सकता है।
वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-2 को 29 विभिन्न जानवरों में पाया है, जिनमें सफेद पूँछ वाले हिरण, बिल्ली, कुत्ते, फेरेट्स (ferrets), चूहे, ऊदबिलाव (Otters) और बाघ शामिल हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में जानवरों से लोगों को वायरस फैला है। नवंबर 2020 में, वैज्ञानिकों ने पाया कि मिंक (एक प्रकार का ऊदबिलाव) ने इंसानों में वायरस फैलाया है। उत्तरी अमेरिका में बड़ी तादाद में सफेद पूँछ वाले हिरण लोगों के करीब रहते हैं। जनवरी से मार्च 2021 के बीच मिशिगन, पेंसिल्वेनिया, इलिनोइस और न्यूयॉर्क राज्यों में जिन हिरणों की टेस्टिंग की गई, उनमें से 40% में एंटीबॉडी मिली है। वहीं 2020 में मिंक से कम से कम 4 अमेरिकी लोगों में कोरोना संक्रमण फैला था।
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