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Goa stampede: गोवा के लैराई देवी मंदिर में भगदड़ जतरा में सात श्रद्धालुओं की मौत, जानें क्या है यह पारंपरिक अग्नि परीक्षा !

Goa stampede: पणजी/शिरगाओ (गोवा) उत्तरी गोवा के शिरगाओ स्थित श्री लैराई देवी मंदिर में रविवार को एक दुखद घटना घटी। मंदिर के वार्षिक जतरा, जिसे ‘धोंडाची जतरा’ के नाम से भी जाना जाता है, के दौरान मची भगदड़ में सात श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि पंद्रह से अधिक लोग घायल हो गए। यह जतरा गोवा के सबसे महत्वपूर्ण और भीड़भाड़ वाले धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें हजारों भक्त देवी लैराई का आशीर्वाद लेने और एक अनूठी पारंपरिक रस्म में भाग लेने के लिए एकत्रित होते हैं।

‘धोंडाची जतरा’: भक्ति और अग्निपरीक्षा का संगम

लैराई देवी मंदिर का जतरा मुख्य रूप से ‘धोंडाची जतरा’ के लिए प्रसिद्ध है। इस रस्म में, भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रदर्शन करते हुए जलते हुए अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं। देवी लैराई, जिन्हें देवी पार्वती का स्वरूप माना जाता है, के प्रति यह एक गहरी आस्था का प्रतीक है। यह जतरा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि गोवा की समृद्ध संस्कृति और आध्यात्मिकता का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर साल, शिरगाओ का यह मंदिर मंत्रोच्चारण, ढोल की थाप, धार्मिक प्रसाद और इस साहसिक अग्नि परीक्षा के साथ जीवंत हो उठता है।

भगदड़ का कारण अज्ञात, जांच जारी

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ मंदिर परिसर के पास एक ढलान पर हुई। भारी भीड़ के कारण, कुछ लोगों के फिसलने और गिरने से अफरा-तफरी मच गई, जिसके परिणामस्वरूप यह दुखद हादसा हुआ। हालांकि भगदड़ का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, स्थानीय प्रशासन और पुलिस मामले की गहन जांच कर रहे हैं।

घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल आपातकालीन सेवाएं हरकत में आईं और घायलों को गोवा मेडिकल कॉलेज (जीएमसी), बांबोलिम और उत्तरी गोवा जिला अस्पताल, मापुसा में भर्ती कराया गया। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने तुरंत अस्पतालों का दौरा कर पीड़ितों और उनके परिवारों से मुलाकात की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नी सुलक्षणा सावंत, राज्यसभा सांसद सदानंद शेत तनावडे और स्थानीय विधायक भी घटनास्थल पर पहुंचे।

सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

हर साल, श्री लैराई जतरा में गोवा और पड़ोसी राज्यों से 50,000 से अधिक श्रद्धालु आते हैं। इस वर्ष भी भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए लगभग 1000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था और भीड़ पर हवाई निगरानी रखने के लिए ड्रोन भी इस्तेमाल किए जा रहे थे। हालांकि, इन व्यापक सुरक्षा व्यवस्थाओं के बावजूद, यह दुखद घटना घट गई, जिसने सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

गोवा की संस्कृति और आस्था का केंद्र

श्री लैराई मंदिर उत्तरी गोवा में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। हर साल होने वाला यह जतरा स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा त्योहार होता है, जो उनकी गहरी धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपराओं को दर्शाता है। ‘धोंडाची जतरा’ इस उत्सव का मुख्य आकर्षण होती है, जो भक्तों के साहस और देवी के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है।

इस दुखद घटना ने निश्चित रूप से पूरे गोवा में शोक की लहर पैदा कर दी है। प्रशासन अब इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। यह घटना धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर देती है ताकि ऐसी त्रासदियों को दोबारा होने से रोका जा सके।

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इ-पेपर : Divya Sandes

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