LDA News: अवैध निर्माण होंगे वैध, लखनऊ में हजारों नागरिकों को फायदा

LDA News: लखनऊ,: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने भवन निर्माण से संबंधित एक ऐतिहासिक घोषणा की है, जिससे शहर में हजारों नागरिकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। अब नए बिल्डिंग बायलॉज 2025 के तहत, पूर्व में किए गए अवैध या बिना मानचित्र स्वीकृति वाले निर्माण कार्यों को भी शमन मानचित्र (रेगुलराइजेशन मैप) के माध्यम से वैध किया जा सकेगा। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार द्वारा आयोजित ‘जनता अदालत’ में नागरिकों की मांग पर यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
अवैध निर्माणों को वैधता: एक गेम चेंजर पहल
यह कदम उन सभी संपत्ति मालिकों के लिए एक वरदान साबित होगा, जिन्होंने किसी भी कारणवश अपने निर्माण कार्यों के लिए पहले मानचित्र स्वीकृति प्राप्त नहीं की थी। अब वे निर्धारित शमन शुल्क जमा करके अपने भवनों को नियमित करा सकेंगे। यह न केवल कानूनी जटिलताओं से मुक्ति दिलाएगा, बल्कि संपत्ति के मूल्य और सुरक्षा को भी बढ़ाएगा।
जोन-वार लक्ष्य निर्धारित: प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर
एलडीए उपाध्यक्ष ने जनता अदालत में प्राप्त शिकायतों को सुनने के बाद सभी प्रवर्तन जोन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शमन मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया को सहज, पारदर्शी और सहयोगी बनाएं। इस प्रक्रिया में तेजी लाने और अधिकतम लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रत्येक जोन के लिए विशिष्ट लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं:
- जोन-1: 200 शमन मानचित्र
- जोन-2: 220 शमन मानचित्र
- जोन-3: 75 शमन मानचित्र
- जोन-4: 100 शमन मानचित्र
- जोन-5: 200 शमन मानचित्र
- जोन-6: 75 शमन मानचित्र
- जोन-7: 100 शमन मानचित्र
इन लक्ष्यों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आवेदन जल्द से जल्द संसाधित हों और नागरिकों को अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े।
नए मॉडल बायलॉज 2025 की खास बातें: एफएआर और भू-आवरण क्षेत्र में वृद्धि
एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लागू मॉडल भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तथा मॉडल जोनिंग रेग्युलेशन-2025 ने भवन निर्माण नियमों को काफी सरल बनाया है। इन नए नियमों के तहत एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) और भू-आवरण क्षेत्रफल (Ground Coverage) में वृद्धि की गई है, जिससे प्लॉट मालिकों को अपनी भूमि का बेहतर और अधिक उपयोग करने का अवसर मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये नियम पुराने निर्माणों पर भी लागू होंगे, जिससे उन्हें शमन शुल्क के आधार पर वैधता मिल सकेगी।
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जनता अदालत: सीधा संवाद, त्वरित समाधान
प्राधिकरण के कमेटी हॉल में आयोजित जनता अदालत में उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के साथ प्राधिकरण सचिव विवेक श्रीवास्तव और अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने नागरिकों की समस्याओं को सुना। कुल 62 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 15 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष मामलों में समयबद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख मामले जिनका हुआ त्वरित निस्तारण:
- प्रधानमंत्री आवास लोन की समस्या: गुडम्बा के आदिल नगर निवासी महेंद्र कुमार शर्मा को प्रधानमंत्री आवास के लिए होम लोन मिलने में आ रही कठिनाई पर, उपाध्यक्ष ने बैंकों के साथ होम लोन मेला आयोजित करने के निर्देश दिए।
- नाम की विसंगति से अटकी रजिस्ट्री: कानपुर रोड योजना के निवासी सोनू की रजिस्ट्री, पहचान पत्रों में नाम की विसंगति के कारण अटकी हुई थी। उपाध्यक्ष ने फाइल मंगवाकर जांच कराई और पुष्टि होने पर तुरंत रजिस्ट्री के लिए अनुमोदित कर दिया।
- मांग पत्र और रजिस्ट्री का त्वरित निराकरण: कैंट क्षेत्र के नीरज तिवारी को प्रधानमंत्री आवास की रजिस्ट्री के लिए तुरंत गणना कराकर मांग पत्र सौंपा गया। इसी तरह, रूपेश कुमार के भूखंड की रजिस्ट्री की फाइल भी मौके पर ही अनुमोदित की गई।
जनता अदालत का सकारात्मक प्रभाव: पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा
एलडीए की यह पहल न केवल नागरिकों को व्यावहारिक राहत प्रदान करती है, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद और विश्वास का एक मजबूत पुल भी बनाती है। जनता अदालत के माध्यम से मामलों का त्वरित निस्तारण इस बात का प्रमाण है कि प्राधिकरण नागरिक सुविधाओं को लेकर कितना गंभीर है। यह निर्णय लखनऊ में शहरी विकास को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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