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Lucknow News: स्कूलों के विलय पर अपना दल (कमेरावादी) का विरोध, पल्लवी पटेल ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

Lucknow News : लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विलय के सरकारी फैसले को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर विरोध बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में, अपना दल (कमेरावादी) ने लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी की नेता और विधायक पल्लवी पटेल ने इस कदम को सीधे तौर पर गरीबों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश करार दिया है।

पल्लवी पटेल ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि सरकार द्वारा दो सरकारी स्कूलों का आपस में विलय करना छात्रों और शिक्षकों, दोनों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस नीति का सबसे बुरा असर गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों पर पड़ेगा, क्योंकि उन्हें दूर-दराज के स्कूलों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे उनकी शिक्षा का अधिकार प्रभावित होगा।

क्या है सरकार की नीति?

उत्तर प्रदेश सरकार ने उन प्राथमिक विद्यालयों का विलय करने का फैसला लिया है, जिनमें छात्रों की संख्या 50 से कम है। सरकार का तर्क है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, इस फैसले का विरोध करने वाले इसे ग्रामीण और गरीब तबके के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मान रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन और आगे की राह

अपना दल (कमेरावादी) के कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांग की कि स्कूलों के विलय का निर्णय तुरंत वापस लिया जाए। यह विरोध ऐसे समय में हो रहा है जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस नीति को सही ठहराया था, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

पल्लवी पटेल और उनके समर्थकों का यह प्रदर्शन दिखाता है कि सरकारी स्कूलों के विलय का मुद्दा एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुका है। यह देखना बाकी है कि सरकार इस विरोध पर क्या प्रतिक्रिया देती है और सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर क्या रुख अपनाता है।

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