Tiger Terror in Lucknow’s Rahman Kheda: लखनऊ के रहमानखेड़ा में 30 दिनों से बाघ का आतंक, किसानों में दहशत का माहौल
Lucknow News: लखनऊ, राजधानी लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में पिछले 30 दिनों से एक बाघ की चहलकदमी ने ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद बाघ को अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है, जिससे किसानों और स्थानीय निवासियों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
नए पगचिह्नों से बढ़ी चिंता (Fresh Pugmarks Increase Concern)
गुरुवार सुबह कुशमौरा और गोला कुआं गांव के पास रेलवे पटरी के किनारे आम के बागों में बाघ के नए पगचिह्न देखे गए। इससे किसानों में और भी डर फैल गया है, क्योंकि यह समय फसलों की सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों का है। बाघ के डर से मजदूर खेतों में काम करने से कतरा रहे हैं, जिससे फसलों के नुकसान का खतरा मंडरा रहा है।
किसानों की परेशानी (Farmers’ Distress)
गोला कुआं के किसान आनंद टिंकू मौर्या ने बताया कि बाघ के नए पगचिह्न उनके आम के बाग में मिले हैं। किसानों का कहना है कि बाघ के डर से मजदूरों के न आने से खेती का काम ठप हो गया है, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।
वन विभाग की कार्रवाई (Forest Department’s Action)
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं:
- हाथियों की मदद: दुधवा नेशनल पार्क से दो प्रशिक्षित हाथिनी, सुलोचना और डायना, को बुलाया गया है। ये हाथिनी शुक्रवार से वन विभाग की टीम के साथ मिलकर बाघ की तलाश में मदद कर रही हैं।
- निगरानी और ट्रैप कैमरे: क्षेत्र में दो मचान बनाए गए हैं जहाँ से वनकर्मी लगातार निगरानी रख रहे हैं। इसके अलावा, 22 ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं ताकि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
- विशेषज्ञों की टीम: वन विभाग की छह टीमें, जिनमें एक्सपर्ट डॉक्टर भी शामिल हैं, और लगभग 30 अधिकारी इस अभियान में जुटे हुए हैं। कानपुर, लखनऊ और पीलीभीत के टाइगर एक्सपर्ट की टीमें भी मदद कर रही हैं।
- पिंजरा लगाया गया: काकोरी के आमोठिया गांव के पास भी बाघ की हलचल मिली है, जहाँ वन विभाग ने एक पिंजरा लगाया है।
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