Mega Tussle betweeen ias officers: एपीसी और राजस्व परिषद अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठï आईएएस अफसरों में कांटे की जंग
- यूपी की नौकरशाही का एक तीर से दो निशाने
Tussle betweeen ias officers : लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में नौकरशाही की लगाम कसने की तैयारी है। सरकारी कर्मचारियों का समय पर कार्यालय आना-जाना और भ्रष्टïाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई से जिले से लेकर शासन तक हडक़म्प मचा हुआ है। शासन के महत्वपूर्ण पदों पर जमे नक्कारा अफसरों को साइड लाइन कर तेजतर्रार अफसरों की पोस्टिंग पर मंथन चल रहा है। इस सुगबुगाहट के बाद से महत्वपूर्ण पोस्टिंग के लिए अफसरों ने लामबंदी शुरू कर दी है।
(Tussle betweeen ias officers) स्टेट्स सिम्बल का प्रतीक है एपीसी और राजस्व परिषद अध्यक्ष का पद
उल्लेखनीय है कि इस माह शासन में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात कई अफसर रिटायर हो जाएंगे। कृषि उत्पादन आयुक्त पद पर तैनात 1986 बैच के वरिष्ठï आईएएस आलोक सिन्हा रिटायर हो रहे हैं। राजस्व परिषद के अध्यक्ष पर तैनात 1986 बैच के वरिष्ठï आईएएस मुकुल सिंघल भी रिटायर हो रहे हैं।
मुख्य सचिव स्तर के इन पदों का प्रभाव कम हैं, लेकिन यह उन लोगों के लिए स्टेट्स सिम्बल का प्रतीक है जो मुख्य सचिव नहीं बन पाते हैं और अगर बनते भी हैं
तो कृषि उत्पादन आयुक्त के रूट से। इसके कई उदाहरण यूपी ने देखें हैं। 1985 बैच के वरिष्ठï आईएएस राजेन्द्र कुमार तिवारी की फेल और फ्लॉप कार्यशैली के कारण सरकार ने इनको हटाकर 1984 बैच के वरिष्ठï आईएएस दुर्गा शंकर मिश्र को मुख्य सचिव बनाया था। मौजूदा समय राजेन्द्र कुमार तिवारी यूपीएसआरटीसी के अध्यक्ष पद पर तैनात हैं।
एसीएस आईएएस अफसरों का गुणा-भाग
सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव पद से हटाए जाने के बाद राजेन्द्र कुमार तिवारी ने केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का मन बनाया था। इसके लिए पैरवी की और इम्पैनल भी हुए थे। कैबिनेट सचिव के पद के लिए खूब पसीना बहाया है। लेकिन सफल नहीं हो पाए हैं। इसलिए अब राजस्व परिषद के अध्यक्ष पद के लिए लामबंदी कर रहे हैं।
कृषि उत्पादन आयुक्त और राजस्व परिषद के अध्यक्ष पद के लिए अर्ह आईएएस अफसरों में अवनीश के. अवस्थी, महेश गुप्ता, लीना नंदन, रेणुका कुमार, संजीव कुमार मित्तल, हेमंत राव, सुनील कुमार, जीवेश कुमार नंदन, आलोक कुमार प्रथम, डा. रजनीश दुबे, राजन शुक्ला और डा. नवनीत कुमार सहगल हैं।
वरिष्ठï आईएएस अफसर अवनीश कुमार अवस्थी मौजूदा समय प्रमुख सचिव गृह के पद पर तैनात हैं और अगस्त माह में रिटायरमेंट हैं। इसलिए इन दोनों पदों पर दावेदारी कम मानी जा रही हैं। लेकिन चौबीसों घंटें और रिजल्ट वर्किंग कार्यप्रणाली के कारण रिटायरमेंट के बाद अवनीश अवस्थी को जेवर एयरपोर्ट एथारिटी का अध्यक्ष या सीईओ के पद की जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है।
मौजूदा समय जेवर एयरपोर्ट के अध्यक्ष पद पर पदेन रूप से मुख्य सचिव तैनात हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त पद के लिए राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात महेश कुमार गुप्ता भी जबरदस्त ढंग से पैरवी में जुटे हुए हैं। लेकिन अनियमितताओं से कराह रहा पूर्व का इतिहास बाधा बना हुआ हैं।
औद्योगिक विकास आयुक्त और अपर मुख्य सचिव जीएसटी के पद पर तैनात संजीव कुमार मित्तल भी कृषि उत्पादन आयुक्त के दावेदारों में हैं। लेकिन मंत्रियों और अफसरों के साथ झगड़ालू कार्यशैली के कारण इनको वापस वित्त की जिम्मेदारी फिर से दिए जाने की संभावना है।
इसकी एक वजह यह भी है कि अपर मुख्य सचिव वित्त के पद से राधा एस. चौहान केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी में हैं। 1988 बैच के वरिष्ठï और सूबे के सबसे लोकप्रिय अफसरों में शुमार डा. नवनीत कुमार सहगल भी कृषि उत्पादन आयुक्त पद के दावेदारों में हैं।
विवादों से गहरा नाता रखने वाले मनोज कुमार सिंह भी प्रबल दावेदारों में हैं। इस पर पर तैनाती के लिए साम, दाम, दण्ड और भेद का सहारा ले रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि यूपी की नौकरशाही का सबसे महत्वपूर्ण पद मुख्य सचिव का एपीसी के माध्यम से ही पूरा होगा। इस साल के अंत में वर्तमान मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। तब मुख्य सचिव पद के प्रमुख दावेदारों में एक होंगे।
शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिकतर अफसरों की कार्यशैली और कार्यक्षमता से परिचित हैं। कहां खामियां है और कहां सुधार की गुंजाइश है, उस पर लाइन ऑफ एक्शन बन गया है।
शपथ ग्रहण के पंद्रह दिन के अंदर कई बड़े आईएएस और आईपीएस अफसरों पर कार्यवाही करके संकेत दे दिए हैं। इस माह के अंत तक बड़े प्रशासनिक फेरबदल होने की संभावना है। जिसमें कुछ जिलों के डीएम और पुलिस अधीक्षक बदले जा चुके हैं। लेकिन बड़ा फेरबदल इस माह के अंत तक होने के संकेत हैं।