Missing son:लापता बेटा 22 साल बाद लौटा घर,सीने से लगाकर रो पड़े मां-बाप
दिल्ली से 22साल पहले लापता युवक निगोहां गांव स्थित घर पहुंचा तो परिजनो की खुशी का ठिकाना नही रहा,मां-बाप बेटे को सीने से लगाकर रो पड़े

Missing son:मोहनलालगंज,22साल पहले लापता हुआ बेटा, घर लौटा तो पहचान को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। पहचान की पुष्टि हुई तो मां-बाप दहाड़े मारकर रोने लगी। खोए बेटे को सीने से लगा लिया ओर बोले 22 साल की तपस्या के बाद भगवान ने आज मुराद पूरी की है। युवक के घर लौटने पर परिवार में खुशी छा गई। माता-पिता ने मंदिर में प्रसाद चढ़कर गांव में मिठाई बांटी।
जानकारी के अनुसार निगोहा गांव में राजगीर रामेश्वर उर्फ टिंन्ना अपनी पत्नी चंद्रकली और बच्चों के साथ रहते थे।उनका मंझला बेटा सोनू वर्ष 2002 में महज 12 साल की उम्र में अपने चाचा के साथ दिल्ली गया था,जहां से वो लापता हो गया था।दिल्ली में परिजनो के गुमशुदगी दर्ज कराकर काफी तलाश की थी लेकिन लापता सोनू का पता नही चल सका था जिसके बाद परिजनो ने बेटे के वापस मिलने की आश छोड़ दी थी। बेटे के गुम हो जाने के ग़म में पिता रामेश्वर लकवे के शिकार हो गए थे।
22 साल बाद जब सोनू निगोहां गांव लौटा तो सबसे पहले अपने पुराने घर की तलाश में गलियों से गुजरता हुआ पहुंचा। जब उसने गिरा हुआ घर देखा तो वह रोने लगा और कहा, “यह मेरा घर है, मेरे मां-बाप कहां हैं?” ग्रामीणों ने जब पूछताछ की तो उसने मां-बाप का नाम बताया, जिसके बाद उसे कुछ दूरी पर स्थित नए घर ले जाया गया।वहां मौजूद पिता ने जब उसे देखा तो पहचानने से इनकार कर दिया। मां भी नहीं पहचान पाईं। लेकिन जब सोनू ने बचपन की वो बातें बताईं जो सिर्फ एक परिवार ही जान सकता था, तो माता पिता उसे सीने से लगाकर रोने लगे।
मुंबई की झोपड़पट्टी में गुजारे 22 साल….
सोनू ने बताया कि दिल्ली से लापता होने के बाद वह एक ट्रक ड्राइवर के साथ मुंबई पहुंच गया था। वहां एक वृद्ध महिला ने उसे पाल-पोस कर बड़ा किया। महिला की कोई संतान नहीं थी, इसलिए उसने सोनू को ही अपना बेटा मान लिया। वहीं से उसने अपने पहचान पत्र बनवाए, जिसमें पिता के नाम में रामेश्वर ही दर्ज कराया।2021 में मौत हो गई, जिसके बाद सोनू अकेला पड़ गया और निगोहां लौटने की कोशिश करने लगा।
ग्रामीणो ने डीएनए जांच की मांग, मां-बाप ने किया इनकार….
सोनू के अचानक लौटने से गांव में चर्चा का विषय बन गया। कुछ लोगों ने शंका जताई और डीएनए जांच की मांग करने लगे। लेकिन मां-बाप ने स्पष्ट रूप से इनकार करते हुए कहा, “यह मेरा ही बेटा है, मुझे कोई टेस्ट नहीं कराना।”इस घटना ने गांव में भावनाओं का सैलाब ला दिया है। जहां एक ओर मां-बाप की गोद फिर से भरी है, वहीं ग्रामीण इस करिश्माई वापसी की कहानी को सालों तक याद रखेंगे।
Missing son
यह भी पढ़े:Bus fire:डबल डेकर बस का फरार चालक बिहार से गिरफ्तार,भेजा जेल
इ-पेपर : Divya Sandesh