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नायडू ने किया मातृभाषा के संरक्षण का आह्वान

नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मातृभाषा का संरक्षण करने का आह्वान करते हुए कहा है कि बच्चों को समुचित शिक्षण विकास के लिये पठन पाठन मातृभाषा में होना चाहिए। श्री नायडू ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर यहां जारी एक संदेश में कहा कि मातृभाषाएं विचारों-संस्कारों को गढ़ती हैं जो सांस्कृतिक सामाजिक विरासत से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा, ” हमारी मातृभाषाएं हमारे विचारों-संस्कारों को गढ़ती हैं जो हमें हमारी सांस्कृतिक सामाजिक विरासत से जोड़ते हैं। अपनी मातृभाषाओं के प्रयोग में गौरव अनुभव करें। अपनी इस महान विरासत को भावी पीढ़ियों को भी प्रदान करें।”

उपराष्ट्रपति ने अपने संदेश में नेल्सन मंडेला के कथन – “यदि आप किसी से ऐसी भाषा में बात करें जो वह समझ सकता है तो वह उसके मस्तिष्क में जाती है लेकिन यदि आप उसकी अपनी भाषा में बात करते हैं तो वह सीधे हृदय को छूती है।”- का भी उल्लेख किया। श्री नायडू ने कहा, ” अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आग्रह करता हूं कि हमारी मातृभाषाओं का सम्मान और संरक्षण करें। रोजमर्रा के जीवन में अपनी मातृभाषा को अपनाएं, बच्चों के समुचित शैक्षणिक विकास हेतु, उन्हें मातृभाषा में ही शिक्षा दें।”

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