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Pahalgam : पहलगाम हमले के बाद सरकार का बड़ा फैसला: पूर्व RAW चीफ आलोक जोशी बने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष

Pahalgam: नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में बड़ा फेरबदल करते हुए पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के प्रमुख आलोक जोशी को इसका नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ ही बोर्ड में छह नए सदस्यों को भी शामिल किया गया है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने का प्रयास किया गया है।

यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक उच्च-स्तरीय बैठक में लिया गया। इस बैठक में देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा स्थिति पर गहन चर्चा हुई, जिसके बाद यह महत्वपूर्ण संगठनात्मक परिवर्तन किया गया।

कौन हैं आलोक जोशी?

आलोक जोशी भारतीय खुफिया एजेंसी RAW के एक अनुभवी और प्रतिष्ठित पूर्व प्रमुख हैं। उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया मामलों की गहरी जानकारी और विशेषज्ञता हासिल है। 2012 से 2014 तक RAW के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील ऑपरेशनों का नेतृत्व किया, जिससे देश की सुरक्षा को मजबूती मिली। उनकी रणनीतिक सोच और अनुभव को देखते हुए, उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त करना सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) की भूमिका

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) एक महत्वपूर्ण निकाय है जो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को विभिन्न मुद्दों पर विश्लेषण और सलाह प्रदान करता है। बोर्ड का मुख्य कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा उठाए गए विषयों पर गहन विचार-विमर्श करना और सरकार को प्रभावी नीतिगत विकल्प सुझाना है। आलोक जोशी के नेतृत्व में यह बोर्ड और भी अधिक सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभा सकता है।

बोर्ड में शामिल किए गए नए सदस्य

आलोक जोशी के अलावा, छह अन्य अनुभवी व्यक्तियों को भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इनमें सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी – पूर्व पश्चिमी वायु कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, और रियर एडमिरल मॉन्टी खन्ना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से सेवानिवृत्त दो अधिकारी – राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह, और भारतीय विदेश सेवा (IFS) से सेवानिवृत्त बी. वेंकटेश वर्मा भी बोर्ड के सदस्य बनाए गए हैं। सात सदस्यीय यह बोर्ड अब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर सरकार को अपनी विशेषज्ञ राय देगा।

पहलगाम हमले का प्रभाव

यह महत्वपूर्ण निर्णय हाल ही में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में लिया गया है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, जिससे पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल था। इस घटना के बाद, सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए तत्काल कदम उठाने शुरू कर दिए थे। CCS की बैठक और NSAB में यह बदलाव इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

सरकार का यह फैसला न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेगा बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी एक मजबूत संदेश देगा। आलोक जोशी जैसे अनुभवी व्यक्ति का बोर्ड का अध्यक्ष बनना निश्चित रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को एक नई दिशा और गति प्रदान करेगा।

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इ-पेपर : Divya Sandesh

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