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Ahmedabad Plane Crash: एयर इंडिया फ्लाइट 171 पर अमेरिकी रिपोर्ट खारिज, AAIB ने कहा- ‘गैर-जिम्मेदाराना’

Plane Crash: नई दिल्ली: अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट 171 के दुखद विमान हादसे को लेकर अमेरिकी मीडिया में एक सनसनीखेज रिपोर्ट को भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने ‘गैर-जिम्मेदाराना और गलत’ करार दिया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि विमान के सीनियर पायलट ने जानबूझकर इंजन का ईंधन बंद कर दिया था।

क्या था अमेरिकी मीडिया का दावा?

हाल ही में एक विदेशी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग (CVR) के आधार पर दावा किया था कि हादसे के अंतिम पलों में कॉकपिट में मौजूद कप्तान ने अपनी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया था, जबकि फर्स्ट ऑफिसर ‘हैरानी और घबराहट’ में था। यह जानकारी वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट ने भारत में भी खूब सुर्खियां बटोरीं।

AAIB ने दावे को किया खारिज, लगाई लताड़

हालांकि, AAIB ने इस अमेरिकी रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। AAIB ने स्पष्ट किया कि उनकी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में केवल इतना बताया गया था कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि क्या उसने फ्यूल स्विच बंद किया है, जिस पर दूसरे पायलट ने इनकार किया था। AAIB ने किसी भी अखबार का नाम लिए बिना ऐसी खबरों की कड़ी आलोचना की और इन्हें ‘चुनिंदा और गैर-पुष्ट जानकारी’ पर आधारित बताया।

जांच की संवेदनशीलता और गोपनीयता पर जोर

AAIB ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में इस बात पर विशेष जोर दिया कि हादसे में मारे गए यात्रियों, चालक दल और जमीन पर मौजूद लोगों के परिवारों की भावनाओं का सम्मान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रारंभिक रिपोर्ट का उद्देश्य केवल यह बताना था कि दुर्घटना कैसे हुई, न कि इसका अंतिम कारण क्या था।

एजेंसी ने यह भी दोहराया कि दुर्घटना की असली वजह पूरी और विस्तृत जांच के बाद ही सामने आएगी, और फिलहाल किसी भी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है। AAIB ने यह भी कहा कि अंतिम जांच रिपोर्ट आने में समय लगेगा, हालांकि उन्होंने कोई विशिष्ट समय-सीमा नहीं बताई।

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कॉकपिट रिकॉर्डिंग क्यों नहीं की जा रही सार्वजनिक?

जब AAIB के डायरेक्टर जनरल जी.वी.जी. युगंधर से कॉकपिट की बातचीत (CVR ट्रांसक्रिप्ट) को सार्वजनिक न करने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के नियमों का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि ICAO के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऐसी संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाता है। युगंधर ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट में केवल वे आवश्यक बातें शामिल की जाएंगी जो जांच के लिए प्रासंगिक हों।

ICAO के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नियम 5.12 के तहत जांच एजेंसियों को कॉकपिट रिकॉर्डिंग जैसी संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक करने की अनुमति नहीं है। यह जानकारी सिर्फ जांच प्रक्रिया के लिए ही उपयोग की जाती है। हालांकि, अधिकारी ने यह भी जोड़ा कि यदि सार्वजनिक हित या उड्डयन सुरक्षा के लिए आवश्यक हो, तो संबंधित देश अपने विवेक से इसे जारी करने का निर्णय ले सकते हैं।

निष्कर्ष:

एयर इंडिया फ्लाइट 171 का हादसा अभी भी कई अनसुलझे सवाल छोड़ गया है। AAIB ने साफ कर दिया है कि जल्दबाजी में किसी भी नतीजे पर पहुंचना गलत होगा। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक हादसे की असल वजह का पता नहीं चल पाएगा। ऐसे में, बिना पुष्टि के सनसनी फैलाने वाली खबरों से बचना और जांच एजेंसियों के आधिकारिक बयानों पर ही भरोसा करना महत्वपूर्ण है। यह घटना भविष्य में विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल पर महत्वपूर्ण बहस को जन्म दे सकती है।

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