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Railway News: वंदे भारत पर पथराव, शताब्दी में देरी और ट्रेनों में अवैध कब्जे से यात्री परेशान; रेलवे सुरक्षा पर उठे सवाल

वंदे भारत पर पत्थरबाजी से लेकर ट्रेनों में भीड़ तक: लखनऊ रेलवे की चुनौतियों पर एक नज़र। यात्रियों को क्यों हो रही है परेशानी और क्या हैं समाधान?

Lucknow railway news: लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हाल ही में रेलवे से जुड़ी कई (Troubling) खबरें सामने आई हैं, जिन्होंने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव, लोको वर्कशॉप में मजदूर की मौत, शताब्दी एक्सप्रेस में लापरवाही के कारण देरी और कई ट्रेनों में आरक्षित सीटों पर अवैध कब्जे जैसी घटनाओं ने रेलवे प्रशासन के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।

वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव: कोच के शीशे टूटे, जांच जारी

लखनऊ से आनंद विहार जा रही हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) पर आलमबाग वेस्ट केबिन के पास असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। इस घटना में ट्रेन के C-11 कोच की खिड़की के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। चारबाग से 8 मिनट की देरी से निकली ट्रेन पर हुए इस हमले की शिकायत तुरंत आरपीएफ कंट्रोल रूम में दर्ज कराई गई। आरपीएफ ने मामला दर्ज कर लिया है और यार्ड के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके। यह घटना ट्रेन सुरक्षा (Train Safety) को लेकर चिंता बढ़ाती है।

Railway News: लोको वर्कशॉप में हादसा: दीवार ढहने से मजदूर की मौत

आलमबाग स्थित लोको वर्कशॉप (Loco Workshop) में शनिवार शाम एक दुखद घटना घटित हुई। कार्य के दौरान अचानक एक दीवार ढह गई, जिससे उस पर काम कर रहा मजदूर दिल मोहम्मद गंभीर रूप से घायल हो गया। पश्चिम बंगाल के रहने वाले दिल मोहम्मद को तुरंत लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। यह हादसा कार्यस्थल सुरक्षा (Workplace Safety) मानदंडों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

शताब्दी एक्सप्रेस में लापरवाही: सफाई के चलते देरी से रवाना हुई ट्रेन

लखनऊ से नई दिल्ली जाने वाली प्रतिष्ठित शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express) रविवार को ऑन-बोर्ड हाउसकीपिंग कर्मचारियों की घोर लापरवाही के कारण 10 मिनट की देरी से रवाना हुई। नई दिल्ली से लखनऊ जंक्शन पहुंचने के बाद, ट्रेन की सफाई में अनावश्यक देरी हुई, जिसके कारण स्टाफ ने कोच के दरवाजे समय पर नहीं खोले। यात्रियों को बारिश में प्लेटफॉर्म पर ही इंतजार करना पड़ा। यात्री कृष्ण कुमार की शिकायत के बाद दरवाजे खोले गए, लेकिन इस घटना ने ट्रेन परिचालन (Train Operations) में व्यावसायिकता की कमी को उजागर किया है।

आरक्षित सीटों पर अवैध कब्जा: यात्रियों को भारी परेशानी, नहीं मिली मदद

ट्रेनों में आरक्षित सीटों (Reserved Seats) पर अवैध कब्जा और बेटिकट यात्रियों की मनमानी एक बड़ी समस्या बन गई है। शनिवार को वाराणसी से लखनऊ आने वाली 14235 वाराणसी-लखनऊ एक्सप्रेस (Varanasi-Lucknow Express) में अनारक्षित श्रेणी और बेटिकट यात्रियों का भारी कब्जा देखा गया। स्थिति इतनी खराब थी कि यात्रियों के लिए शौचालय तक जाना भी मुश्किल हो गया। S-4 बोगी में एक महिला यात्री की सीट पर पुरुष यात्रियों ने कब्जा कर लिया और विरोध करने पर भी हटने को तैयार नहीं हुए। महिला और अन्य यात्रियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली।

इसी तरह, नई दिल्ली जाने वाली गोमती एक्सप्रेस (Gomti Express) की एसी चेयरकार बोगी C-2 में दैनिक यात्री और पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में चढ़ गए, जिससे आरक्षित यात्रियों को परेशानी हुई। काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस (Kashi Vishwanath Express) की स्लीपर बोगी में भी यात्री विकास ने बेटिकट यात्रियों के कब्जे की शिकायत की, लेकिन उन्हें भी कोई राहत नहीं मिली। यह घटनाएं यात्री सुविधा (Passenger Comfort) और रेलवे प्रवर्तन (Railway Enforcement) की कमजोरियों को दर्शाती हैं।

इन घटनाओं ने लखनऊ में रेलवे व्यवस्था की विश्वसनीयता और दक्षता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ समय-सारणी का पालन और आरक्षित सीटों की पवित्रता बनाए रखना रेलवे प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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