29 को दिल्ली में जुटेंगे बहुजन बुद्घिजीवी
- ‘इक्कसवीं सदी में हम हैं कहां?’ विषय पर होगा सेमिनार
Dr Br Ambedkar : लखनऊ। देशभर के बहुजन बुद्घिजीवी आगामी 29 मई को दिल्ली में महात्मा फुले और डा. भीमराव अम्बेडकर की विधारधारा को लेकर एक ‘इक्कसवीं सदी में हम हैं कहां?’ विषय पर एक सेमिनार में मंथन करेंगे। सेमिनार में नामचीन बहुजन बुद्घिजीवी अपने विचारों से अवगत कराएंगे कि इक्कसवीं सदी में बहुजन समाज की क्या स्थिति है और कैसे आर्थिक तौर पर मजबूत हों। बहुजन बुद्घिजीवियों को एक मंच पर लाने के लिए समाजसेवी सतेन्द्र सिंह ने बीड़ा उठाया है।
अम्बेडकरी विचारधारा के मर्मज्ञ और समाजसेवी सतेन्द्र सिंह ने बताया कि दिन पर दिन महात्मा फुले और डा. भीमराव अम्बेडकर की विधारधारा को चुनौती मिल रही है और पाखण्डवाद व कुरीतियों का बोलबाला बढ़ रहा है। ऐसे में महात्मा फुले और डा. भीमराव अम्बेडकर की विधारधारा वाले समाज की ‘इक्कसवीं सदी में हम हैं कहां?’ विषय पर आगामी 29 मई 2022 को एक सेमिनार का आयोजन दिल्ली में किया जा रहा है। इस सेमिनार में देश भर के बहुजन बुद्घिजीवी जुटेंगे। इसके लिए आमंत्रण बांट दिए गए हैं। इस सेमिनार में भारत सरकार के स्वास्थ विभाग के पूर्व महानिदेशक जगदीश प्रसाद मुख्य अतिथि होंगे। अन्य मुख्य वक्ताओं में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एन. सुकुमार, जेएनयू के प्रोफेसर विवेक कुमार, नामचीन पत्रकार उर्मिलेश उर्मिल, आईपीएस बी.पी. अशोक, प्रसिद्घ पत्रकार दिलीप मण्डल और सुप्रीम कोर्ट के विख्यात अधिवक्ता महमूद प्राचा होंगे।
उन्होंने बताया कि ‘इक्कसवीं सदी में हम हैं कहां?’ विषयक सेमिनार के तीन महत्वपूर्ण सेशन पर परिचर्चा होगी। पहला सेशन भारतीय संविधान के तहत कमजोर वर्ग को अर्थिक तौर पर मजबूत करने पर मंथन होगा। इस सेमिनार का दूसरा सेशन भारतीय सामाजिक व्यवस्था में कमजोर तबके को सामाजिक तौर पर सशक्त करने के लिए उपायों पर चर्चा की जाएगी। बहुजन बुद्घिजीवियों द्वारा बहुजनों को व्यापार के लिए उत्प्रेरित करने के सुझाव पर परिचर्चा की जाएगी।
श्री सिंह ने बताया कि इस सेमिनार में शामिल होने के लिए देशभर के बहुजन बुद्घिजीवियों में काफी उत्साह है। भारी संख्या में रजिस्ट्रेशन चल रहा है। उन्होंने आशा जताई कि इस सेमिनार से आशाजनक परिणाम निकलने की उम्मीद है।
Dr Br Ambedkar