दिव्य सन्देश विशेषब्रेकिंग न्यूज

UPIAS : शरीफ आईएएस अफसरों की शराफत से कराह रहे हैं मंत्री!

UPIAS : लखनऊ। यूपी के कुछ शरीफ आईएएस अफसरों की शराफत से मंत्री कराह रहे हैं। शराफत की मार से कुछ मंत्री अंदर-अंदर ही घुट रहे हैं और कुछ मंत्री दिनेश खटिक की तरह गुब्बार बाहर निकल कर जहां जनता और जिम्मेदारों का ध्यानाकर्षित करा रहे हैं वहीं सरकार की भी किरकिरी करा रहे हैं। ऐसे शरीफ अफसरों पर कार्रवाई की बजाए मंत्री ही बलि का बकरा बनते हैं। इससे शरीफ आईएएस अफसरों के हौंसले बुलंद हैं।

बताते चलें कि जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटिक ने कुछ दिनों पूर्व अपना इस्तीफा देश के गृहमंत्री के नाम से सम्बोधित भेजकर सनसनी फैलाने के साथ ही अफसरों पर दलित विरोधी आरोप जड़ कर विरोधियों को हमला करने का मौका देने के साथ ही सरकार को बैकफुट पर आने को मजबूर कर दिया था। वैसे तो कैबिनेट और राज्य मंत्रियों में कामकाज के बंटवारे के लेकर हमेशा से ही खींचतान रही है। लेकिन अफसरों पर पक्षपाती होने का आरोपों की बाढ़़ आ गई है।

यहाँ पढ़े : Ias officer : प्रमुख सचिव का मुल्लमा ईमानदार , काम दागदार

जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटिक ने अपने विभागीय प्रमुख सचिव अनिल गर्ग और अनुराग श्रीवास्तव पर आरोप लगाया कि उनकी कोई भी बात की तरजीह नहीं देते हैं। इस तरह के अनुभव कई मंत्री अपने विभागीय अफसरों से दो-चार हो रहे हैं। तेजतर्रार उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की कमान मिली वैसे ही अस्पतालों में छापेमारी आदि काम तेजी से शुरू कर दिया। लेकिन वे यह बात नहीं जानते थे कि चार साल से अधिक समय से इस विभाग में डटे अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद काफी प्रभावशाली हैं। तमाम शिकायतों के बावजूद  न तो मंत्री को तरजीह दिया और न ही उनके किसी भी एक्शन पर कार्रवाई की। इससे क्षुब्ध मंत्री महोदय ने चिट्टी लिख मारी और तबादलों में किए गए खेल का पिटारा खोल दिया। यही हाल लोक निर्माण विभाग का रहा। लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद का रहा। वैसे तो मंत्री महोदय काफी प्रभावशाली हैं और तबादला कांड के खुलासे और उनके करीबी अफसर पर कार्रवाई से प्रमुख सचिव नरेन्द्र भूषण सुकून में हैं, क्योंकि सारा ठीकरा मंत्री के करीबी अफसर पर फूटा हैं, वे साफ बच गए।

यहाँ पढ़े : Deputy CM : रॉबिनहुड मंत्री का खामियों पर सवाल,एसीएस का बवाल!

माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी अपनी तेज तर्रार प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला से तालमेल नहीं बिठा पा रही हैं। इन मैडम का यह ट्रैक रिकार्ड रहा है जिस विभाग में रही हैं उस विभाग का मंत्री पानी मांगता रहा है। यही हाल ग्राम्य विकास विभाग और पंचायती राज विभाग का है। इन दोनों विभागों के मंत्री अपने सबसे तेजतर्रार और शराफत के रिकार्डधारी कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह के आगे एक भी नहीं चलती है। मुख्यमंत्री से लेकर ऊपर तक अनगिनत शिकायतें होने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से मंत्री मन ममोस कर रह जाते हैं। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने प्रेस वार्ता कर सफाई दी कि उनकी अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी से काफी पटरी खाती है। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की छवि यह है न खाऊूंगा और न ही खाने दूंगा। बस इस नीति के कारण आबकारी मंत्री अपर मुख्य सचिव के आगे भीगी बिल्ली बन गए हैं।

यहाँ पढ़े : ‘शरीफ आईएएस’ की फिज़ूलखर्ची!

राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठï पत्रकार नवलकांत सिन्हा ने कहा कि यूपी के नौकरशाह लम्बे समय से कई सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहने के दौरान मुख्यमंत्री से करीबी हो जाते हैं। ऐसे अफसर रिजल्ट ओरियंटेड होते हैं। कुछ अफसर अपने आप को नेताओं से ऊपर समझने लगते हैं, तभी आपसी मनमुटाव की समस्या आती है। योगी सरकार ने अफसरों को खुले दिल से काम करने का मौका दिया है, लेकिन कुछ इसका दुरुपयोग करते हैं। लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर मर्ज का इलाज बखूबी जानते हैं। जल्द ही इस तरह की समस्या दूर होगी।

UPIAS UPIAS UPIAS


ई-पेपर :http://www.divyasandesh.com

Related Articles

Back to top button