माफियाओं के ‘अवैध साम्राज्य’ को रौंद रहा योगी का बुलडोज़र, मात्र 3 माह में करोर्ड़ों की संपत्ति ध्वस्त
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुलडोजरों ने माफियाओं द्वारा कब्ज़ा कर बनाई गई सम्पत्तियों को ध्वस्त करने के लक्ष्य में जोर पकड़ती हुई दिखाई दे रही है। योगी 2.0 सरकार द्वारा पहले 100 दिनों के लिए तय किए गए टारगेट में यूपी पुलिस दूसरे सभी विभागों से आगे आ चुके है। यूपी पुलिस ने मार्च से मई 2022 तक मात्र 3 माह में माफियाओं की तकरीबन 6,66,17,85,123 रुपये की सम्पत्तियाँ या तो ध्वस्त कर दी हैं।
दरअसल, योगी सरकार ने यूपी पुलिस को नई सरकार के गठन के शुरुआती 100 दिनों में 500 करोड़ की संपत्तियों पर कार्रवाई करने का टारगेट भी दिया जा चुका है। आलम यह है कि अभी तक 100 दिन भी पूरे नहीं हुए हैं और पुलिस ने अपने लक्ष्य से अधिक कार्रवाई करके उपलब्धि अपने नाम कर ली है। वहीं, मार्च 2017 से लेकर मार्च 2022 तक यूपी पुलिस कुल 20,95,64,53,907 रुपये की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की जा चुकी है।
इससे जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण जानकारी देश के अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, KOO ऐप पर यूपी पुलिस ने अपने आधिकारिक हैंडल के जरिए दी गई है। इसमें उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कई बड़ी जानकारियां दी हैं। इस कू पोस्ट में कहा गया है: ”उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार माफियाओं, गैंगस्टर तथा गंभीर अपराध करने वाले अपराधियों की सूची जनपदवार तैयार कर उनके द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति के जब्तीकरण की कार्रवाई के संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था द्वारा दी गई।”
वीडियो के माध्यम से एडीजी प्रशांत कुमार को कहते हुए सुना जा सकता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा शासन की मंशा के अनुरूप माफिया और गैंगस्टर्स अभियुक्तों के विरुद्ध कार्रवाई लगातार सराहनीय तरीके से की जा रही है। माफियाओं और गंभीर अपराध करने वाले अपराधियों की जनपदवार सूची उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार अद्यतन कर तैयारी की गई है, जो कानून व्यवस्था शाखा द्वारा निरंतर निगरानी करते हुए ऐसे सभी कुख्यात अपराधियों और माफियाओं द्वारा अवैध रूप से अपराध कर अर्जित की गई सम्पत्तियों का जप्तीकरण कर उनकी आपराधिक गतिविधियों का उन्मूलन किया जा रहा है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुरुआत से ही कानून व्यवस्था के मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया था कि प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर लगातार चलता रहेगा। सरकार लगातार माफिया, गैंगस्टर और गंभीर अपराध करने वाले आरोपियों की जिलावार सूची तैयार कर उनके द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति के जब्तीकरण की कार्रवाई कर रही है।
मार्च 2022 से अब तक कुख्यात माफियाओं की समीक्षा की गई है। इस दौरान शासन ने 50 और पुलिस मुख्यालय ने 12 माफियाओं को चिह्नित किया है। इन सभी 62 माफियाओं और उनके गैंग के खिलाफ पुलिस द्वारा योजनाबद्ध तरीके से कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
वे आगे बताते हैं कि मार्च 2022 से मई 2022 तक 788 कुख्यात अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। इनसे अपराध से अर्जित की गई 6 अरब 61 करोड़ 78 लाख रूपए की अवैध संपत्ति कुर्क की गई। सिर्फ मेरठ जोन से ही दो अरब 32 करोड़ 80 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क की गई।
एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक पुलिस लगातार कुख्यात माफिया और उनके गैंग पर शिकंजा कस रही है और उन पर कार्रवाई भी की जा रही है। राज्य में पिछले 6 वर्षों में करीब 20 अरब 95 करोड़ 64 लाख रूपए की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई है। यह संपत्ति मार्च 2017 से मार्च 2022 के बीच जब्त की गई है। इस दौरान 1150 माफियाओं को चिन्हित किया गया और पुलिस ने उन पर सख्त कार्रवाई की है।
उत्तर प्रदेश में कुल 30 खनन माफिया, 228 शराब माफिया, 168 पशु माफिया, 347 भू माफिया, 18 शिक्षा माफिया, 359 अन्य माफिया को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है और इनकी सम्पत्तियाँ चिह्नित कर उन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त करने की भी कार्रवाई की जा रही है। सबसे ज्यादा संपत्ति मेरठ में जब्त की गई हैं। यहाँ लगातार माफिया पर शिकंजा कसा जा रहा है और उनके अपराधों पर लगाम लगाई जा रही है। इसके साथ ही उनके गैंग के अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जा रही है।
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