लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने जा रही भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के होली के बाद शपथ लिए जाने की संभावना है।
प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज नई दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे। इससे पहले नए मंत्रिमंडल के गठन के लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। जातीय-क्षेत्रीय समीकरण साधते हुए आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए मंत्री बनाए जाने हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के साथ बैठक कर विचार विमर्श किया। भाजपा को विधानसभा चुनाव में दूसरी बार बहुमत मिला है। 17वीं विधानसभा भंग कर मुख्यमंत्री योगी राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नई सरकार के गठन तक कार्यकारी मुख्यमंत्री के रूप में व्यवस्था संभाले हैं। नए मंत्रिमंडल को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि कौन उपमुख्यमंत्री बनेगा, पिछली सरकार के किस मंत्री का कद बढ़ेगा और नए विधायकों में किस-किस को मंत्री बनाया जा सकता है। बताया गया है नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होली के बाद ही होगा। उससे पहले मंत्रिमंडल के स्वरूप पर विमर्श शुरू हो गया है। इसी क्रम में सीएम ने अपने सरकारी आवास पर शनिवार देर शाम को स्वतंत्रदेव सिंह और सुनील बंसल के साथ बैठक की। प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह से भी चर्चा की।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में विचार मंथन किया गया कि 2022 के चुनाव परिणाम को देखते हुए 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में किन क्षेत्र और सामाजिक वर्ग की घेराबंदी मजबूत करनी होगी। जातीय-क्षेत्रीय समीकरण पर कौन से चेहरे सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकते हैं। हालांकि, मंत्रिमंडल गठन को लेकर कोई भी निर्णय केंद्रीय नेतृत्व के साथ विचार-मंथन में सहमति-स्वीकृति के आधार पर ही लिया जाना है। इस बीच, रविवार को मुख्यमंत्री योगी दिल्ली जा रहे हैं। बताया गया है कि वह विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार जताने जा रहे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से शिष्टाचार भेंट करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिल्ली प्रवास दो दिन का हो सकता है।
विधायकों की दिल्ली दौड़ :
चुनाव परिणाम आने के बाद मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए विधायकों ने लखनऊ और दिल्ली की दौड़ लगानी शुरू कर दी है। कुछ विधायक जो पहली बार मंत्री बनना चाहते हैं, वह प्रदेश नेतृत्व को समीकरण समझाने में जुटे हैं कि किस तरह वह सामाजिक और राजनीतिक रूप से सरकार के लिए उपयोगी साबित होंगे, जबकि पहले भी मंत्री रहे दिग्गज विधायक नए मंत्रिमंडल में कद बढ़ाए जाने की आस लिए अपने संपर्कों के तार हाईकमान से जोड़ने में जुटे हैं।