AIADMK : अन्नाद्रमुक नेतृत्व की खींचतान तेज, जीसी पर सोमवार तक आदेश सुरक्षित
AIADMK : चेन्नई। अन्नाद्रमुक में नेतृत्व के मुद्दे पर दो दिनों तक चली बहस के बाद, मद्रास उच्च न्यायालय ने आज रात पार्टी की आम परिषद (जीसी) की बैठक से ठीक 15 मिनट पहले सोमवार की सुबह नौ बजे के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया। अन्नाद्रमुक नेता ई के पलानीसामी और उनके विरोधी ओ. पन्नीरसेल्वम के बीच नेतृत्व की खींचतान ने पार्टी में एकात्मक नेतृत्व पर कब्जे को लेकर दोनों नेताओं के बीच खींचतान जारी है।
एक ओर श्री पलानीस्वामी खेमा एमजीआर और जयललिता के दिनों में वापस लौटने के लिए एकल नेतृत्व की बहाली के पक्ष में है जबकि दूसरी ओर ओपीएस खेमा दोहरे नेतृत्व की वर्तमान प्रणाली को जारी रखना चाहता है। एक ऐसा मुद्दा जहां ओपीएस शिविर 23 जून को हुई आम परिषद (जीसी) बैठक में विचलित हो गया था। इस बैठक में ईपीएस खेमे ने ओपीएस खेमे से अधिक बहुमत हासिल किया। अदालत ने पिछले दो दिनों से दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह सोमवार को सुबह नौ बजे (तथाकथित निष्क्रिय समन्वयक) पन्नीरसेल्वम द्वारा दायर एक दीवानी मुकदमे पर ।। जुलाई की आम परिषद की बैठक को रोकने के लिए आदेश पारित करेगा। अन्नाद्रमुक के (23 जून की जीसी बैठक में उनके पदों की पुष्टि नहीं की थी) संयुक्त समन्वयक ई के पलानीस्वामी और उनके समर्थकों ने यह बैठक बुलाई थी।
मैराथन सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति कृष्णन रामासामी ने कहा कि वह निर्धारित जीसी बैठक से ठीक 15 मिनट पहले 11 जुलाई की सुबह आदेश पारित करेंगे। ओ पन्नीरसेल्वम और एआईएडीएमके जीसी सदस्य अम्मन वैरामुथु द्वारा दायर दीवानी मुकदमों के साथ जज से इस बैठक को राकने की मांग की गयी थी। अन्नाद्रमुक के उप-नियमों के खिलाफ जीसी बैठक को अवैध बताते हुए इसे रोकने के निर्देश देने की भी मांग की गई थी।
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