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Barabanki News: ‘अटल जी’ की याद में सजेगी ‘साझी विरासत’ की साहित्यिक महफ़िल

अन्नू कपूर, अशोक चक्रधर, वसीम बरेलवी, शबीना और मंजर भोपाली होंगे ख़ास मेहमान 

Barabanki: बाराबंकी। दिसंबर की गुनगुनी धूप और गुलाबी ठंड की दस्तक कविताओं और गज़लों के साथ होगी। जहां गीत-गज़ल की महफ़िल सजेगी। साहित्य प्रेमियों का जमावड़ा होगा। साझी विरासत के इस आयोजन में सबसे बड़ा आकर्षण होंगे दिग्गज फिल्म अभिनेता और गज़्ल के हस्ताक्षर अन्नू कपूर। उनके साथ प्रसिद्ध कवि पद्मश्री अशोक चक्रधर, वसीम बरेलवी, मंजर भोपाली, डॉ विष्णु सक्सेना, शबीना अदीब, डॉ सुनील जोगी, अज़म शाकरी, प्रियांशु गजेन्द्र, तनवीर गाज़ी, उस्मान मिनाई और चांद देवबंदी भी होंगे।

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गज़ल और गीतों की इस महफ़िल की शान अन्नू कपूर भी फनकारों की जमात में शामिल होंगे। स्थानीय जीआईसी आडोटोरियम में साझी विरासत द्वारा आयोजित 10वां अखिल भारतीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन शनिवार 07 दिसंबर को रात 8 बजे से होगा। इस बार यह आयोजन भूतपूर्व प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रकवि अटल बिहारी बाजपेई की जन्मशती को समर्पित होगा। हंसी-ठहाकों, गज़ल, गीत और व्यंग की इस महफ़िल में बालीवुड के जाने-माने अभिनेता अन्नू कपूर शामिल होकर सभी श्रोताओं से रुबरू होंगे।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप और कार्यक्रम के अध्यक्ष समाजसेवी राजेश अरोड़ा ‘बब्बू’ होंगे। बताते चलें कि जिले की ऐतिहासिक देवा महादेवा की धरती अपने सांस्कृतिक आयोजन के लिए जानी जाती है। फिर चाहे देवा मेले का 100वां मुशायरा हो या महादेवा का कवि सम्मेलन या फिर गांधी जयन्ती पर राजनाथ शर्मा द्वारा आयोजित तारीखी अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरा रहा हो, सभी ने उर्दू अदब और हिंदी की साहित्यिक विरासत को नई पहचान दी। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सामाजिक और साहित्यिक गतिविधियों में अग्रणी संस्था साझी विरासत एक बार फिर से मुशायरा और कवि सम्मेलन के आयोजन को लेकर तैयार है।

आगामी 07 दिसंबर की शाम खास होने वाली है। साझी विरासत की ओर से शहर के जीआईसी ऑडोटोरियम में 10वां अखिल भारतीय मुशायरा और कवि सम्मेलन में गज़ल, शेर और शायरी के साथ साथ हास्य, व्यंग्य, श्रृंगार व वीररस की धारा बहने वाली है। कवियों व शायरों की एक से बढ़कर एक मधुर गज़लों व रचनाओं के बीच हास्य-व्यंग्य का पिटारा खुलने वाला है। मतलब साफ है, दर्शक एक बार फिर से अदब की इस महफिल में गीत, गज़ल को सुनकर मंत्रमुग्ध होने वाले हैं। मुशायरा और कवि सम्मेलन में पहुंचे सब युवा, बुजुर्ग व गणमान्य सभी कविताओं का लुत्फ उठाएंगे। बाराबंकी वासी साझी विरासत के इस आयोजन को लेकर पूरी तरह से उत्सुक हैं। जगह-जगह शहर व गांव-कस्बों के अलावा अन्य जनपदों में होल्डिंग भी लग गई है तथा सोशल मीडिया से लेकर चौक चौराहों पर भी इस आयोजन को लेकर चर्चा हो रही है। साहित्य प्रेमियों में कवि सम्मेलन को लेकर जबरदस्त उत्साह है। सभी अपने पसंद के कवि व शायर को सुनने के लिए इच्छुक हैं।

गीत से गज़ल तक दिखेगा हर रंग

साझी विरासत के अध्यक्ष परवेज अहमद बताते हैं कि हमारी कोशिश है साहित्य प्रेमियों और श्रोताओं को कविता, गीत, गज़ल, शायरी और हास्य-व्यंग्य की रचनाओं से सभी आनंदित हों। ऐेसे में हर विधा के फनकारों को चुन-चुनकर साहित्य का यह गुलदस्ता सजाया गया है। एक तरफ डॉ. अशोक चक्रधर के साथ डॉ सुनील जोगी हास्य-व्यंग्य का रस तो बिखेरेंगे ही, अपनी रचनाओं से समाज का सच भी दिखाएंगे। वहीं शायर वसीम बरेलवी और शबीना अदीब मोहब्बत के रंग से सभी को रूबरू कराएंगी। गीतकार डॉ विष्णु सक्सेना और प्रियांशु गजेन्द्र की कविताएं भी आपके दिल के करीब से गुजरेंगी। अज़्म शाकरी और चांद देवबंदी की गज़लों में सभी को अपना दिल धड़कता दिखेगा। वहीं तनवीर गाज़ी और उस्मान मिनाई की इंकलाबी शायरी से सभी रूबरू होंगे।

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