गोरक्षपीठ से आये 500 वर्षों के संघर्ष के बाद रामलला को स्वयं चुना
सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरक्षपीठ का संघर्ष और रामलला के स्थानांतरण की अनूठी कहानी
- Gorakshpeeth
वीओ- बाइट- (प्रभु आ रहे हैं…500 वर्षों की प्रतीक्षा खत्म हुई…500 वर्षों का वक्त समाप्त होने जा रहा है)
Yogi Adityanath: लखनऊ। गला रुंधा है..पर आंख से आंसू बहने बाकी थे..जुबां पर राम का नाम था…राम के प्रति भक्ति ऐसी कि जुंबा भी ये कहते नहीं थकती कि राम आ रहे हैं…ये प्रेम दो..चार.. पांच दिनों का नहीं बल्कि पूरे 500 वर्षों का है..वो 500 वर्ष जिसे गोरक्षपीठ ने जिया ..देखा ..और महसूस किया है..खैर प्रेम तो हमने भी बहुत देखा है..एक प्रेम कृष्ण और यशोदा का देखा था..एक प्रेम राम और कौशल्या का देखा था..और एक प्रेम आज रामलला और योगी का देखा है..ये भावुक क्षण एक पीठ (गोरक्ष) की तीसरी पीढ़ी को मिल रहे सौभाग्य का साक्षी है..ये सौभाग्य गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को मिला है।
बाइट- वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला
वीओ- सच्चाई यही है कि 500 वर्षों के अथक संघर्षों और आंदोलन के बाद ये अवसर आया है..इस संघर्ष और आंदोलन में जिस पीठ ने सबसे ज्यादा संघर्ष किया और आंदोलन का पुरोधा रहा वो गोरक्षपीठ है..पीठ के महंत दिग्विजय नाथ ने इस आंदोलन को दिशा दी,इसके बाद महंत अवेद्यनाथ ने इसके लिए संघर्ष किया,इसके बाद उनके उत्तराधिकारी और मौजूदा समय में उत्तरप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ जी ने अपने पुरुषार्थ से इसे इसके परिणाम तक पहुंचाया..इसे भाग्य और सौभाग्य ही कहेंगे कि रामलला ने खुद सीएम योगी को चुना है..25 मार्च 2020 की सुबह शायद ही कोई भूले..जब सीएम योगी ने अपनी गोद में लेकर श्रीरामलला को टेंट से निकाल कर अस्थाई टेंट में बिठाया था..वाकई ये अवसर हनुमान जी को मिला था जब उन्होंने श्रीराम को अपने कंधे पर उठाया था या फिर 25 मार्च जब सीएम योगी ने गोद में उठाया।
बाइट-महंत राजू दास
बाइट-जगदगुरु राम दिनेशाचार्य महराज,अयोध्या
फाइनल vo- आज राम लला अपने धाम मे स्थापित होने जा रहे है इस पूरे परिदृश्य मे गोरक्षपीठ और पीठ के संतो का अतुलनीय योगदान रहा,आज सौभाग्य का विषय है कि योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा एक ओर जहां त्रेतायुगीन अयोध्या पुनर्स्थापित हो रही है,और दूसरी ओर रामलला योगी जी के करकमलो से ही अपने दरबार मे स्थापित होने जा रहे हैं…
Gorakshpeeth
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