झारखंड में सियासी संकट! क्या गुजरेगा चंपई सोरेन का फ्लोर टेस्ट?
झारखंड विधानसभा विशेष सत्र | विश्वासमत | बहुमत | राजनीति
Soren Sarkar: विधानसभा के विशेष सत्र में चंपई सोरेन को बहुमत हासिल करना है। सत्ताधारी जेएमएम के 2 विधायक अस्वस्थ हैं और बीजेपी विधायक भी शामिल नहीं हो पाएंगे। बहुमत का गणित अभी भी अनिश्चित है।
क्या बचेगी चंपई सोरेन सरकार?
झारखंड की राजनीति में आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को बहुमत हासिल करना होगा।
बहुमत का दावा:
- सीएम चंपई सोरेन का दावा है कि 82 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायकों का समर्थन उनके पास है।
- मंत्री आलमगीर आलम का दावा है कि बहुमत 48 से 50 के बीच पहुंच सकता है।
अनिश्चितताएं:
- जेएमएम विधायक रामदास सोरेन विश्वास मत में भाग नहीं लेंगे, क्योंकि वे अस्वस्थ हैं और गुर्दे की समस्या से जूझ रहे हैं।
- जेएमएम विधायक चमरा लिंडा पिछले दिनों सत्ताधारी दल की बैठकों में शामिल नहीं हुए और हैदराबाद भी नहीं गए।
- बीजेपी विधायक इंद्रजीत महतो बीमार होने के कारण विश्वास मत में भाग नहीं ले पाएंगे।
बहुमत का गणित:
- बहुमत के लिए 41 सदस्यों का समर्थन जरूरी है।
- सत्तापक्ष को 48 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
- विपक्षी खेमे में 32 विधायक साथ आ सकते हैं।
हेमंत सोरेन की भागीदारी:
- हेमंत सोरेन आज विशेष सत्र के विश्वासमत में शामिल होंगे।
- अदालत ने उन्हें विश्वासमत के दौरान सदन में शामिल होने की अनुमति दी है।
- वे मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे और विधानसभा में अगली कतार में बैठेंगे।
निष्कर्ष:
चंपई सोरेन सरकार के भविष्य को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। बहुमत हासिल करने के लिए उन्हें 41 सदस्यों का समर्थन चाहिए, जबकि उनके पास 48 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। विपक्षी खेमे की तरफ से भी बहुमत का दावा किया जा रहा है।
अगले कुछ घंटे झारखंड की राजनीति में निर्णायक होंगे।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि:
- राजनीतिक परिस्थितियां अत्यंत तेज़ी से बदलती रहती हैं।
- कुछ अप्रत्याशित घटनाक्रम भी हो सकते हैं।
इसलिए, हमें अंतिम परिणाम का इंतजार करना होगा।
Soren Sarkar
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