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Ghaziabad News: नकली राजदूत हर्षवर्धन जैन के 11 विदेशी बैंक खातों का खुलासा!

Ghaziabad News: गाजियाबाद के कविनगर में एक नकली दूतावास चलाने वाले फर्जी राजदूत हर्षवर्धन जैन के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि उसके मॉरीशस सहित चार देशों में 11 बैंक खाते हैं, जिनकी पहचान दो पैन कार्ड के माध्यम से की गई है।

फर्जी राजदूत के वित्तीय संबंध

एसटीएफ की जांच के अनुसार, हर्षवर्धन जैन के दुबई में छह खाते, मॉरीशस में एक, यूके में तीन और भारत में एक बैंक खाता मिला है। एसटीएफ के अधिकारी इन खातों में हुए लेन-देन की गहन जांच कर रहे हैं।

Ghaziabad News: अंतरराष्ट्रीय दलाल से संबंध

एसटीएफ की नोएडा यूनिट के एएसपी राजकुमार मिश्र ने बताया कि हर्षवर्धन जैन का अंतरराष्ट्रीय दलाल एहसान अली सैयद से संपर्क मिला है। एहसान अली मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला है, लेकिन उसके पास तुर्की की नागरिकता है। हर्षवर्धन को बैंक खातों में हुए लेन-देन और एहसान अली से उसकी संलिप्तता के बारे में पूछताछ करने के लिए रिमांड पर लिया जाएगा। इस कार्रवाई के लिए कविनगर पुलिस के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

विदेशों में रजिस्टर्ड फर्जी कंपनियां

जांच में यह भी सामने आया है कि चंद्रास्वामी ने हर्षवर्धन की मुलाकात हथियारों के सौदागर सऊदी निवासी अदनान खगोशी और लंदन निवासी एहसान अली सैयद से कराई थी। इसके बाद हर्षवर्धन जैन ने एहसान अली के साथ मिलकर विदेशों में कई कंपनियां रजिस्टर्ड कराईं, जिनमें ये प्रमुख हैं:

  • यूके: स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड, ईस्ट इंडिया कंपनी यूके लिमिटेड
  • यूएई: आइसलैंड जनरल ट्रेडिंग कंपनी एलएलसी
  • मॉरीशस: इंदिरा ओवरसीज लिमिटेड
  • अफ्रीका (कैमरून): केमरून इस्पात सार्ल

कोठी के किराये और डिंपल जैन का कनेक्शन

हर्षवर्धन जैन जिस कोठी (केबी-35) में अवैध दूतावास चला रहा था, वह समाजसेवी सुशील चौधरी की है। सुशील चौधरी ने बताया कि उन्होंने चार महीने पहले यह कोठी 80 हजार रुपये प्रतिमाह के किराये पर दी थी। कोठी का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हर्षवर्धन जैन की पत्नी डिंपल जैन के नाम पर किया गया था और कोठी का किराया भी डिंपल जैन के खाते से ही आ रहा था। सुशील चौधरी ने नोएडा एसटीएफ को सारी जानकारी दे दी है।

25 मिलियन पाउंड की दलाली का मामला

एहसान अली सैयद पर 25 मिलियन पाउंड (लगभग तीन अरब रुपये) की दलाली लेने का आरोप है। हर्षवर्धन जैन ने एहसान अली के साथ मिलकर लंदन में कई शैल कंपनियां बनाईं और उन्हीं के आधार पर बड़ी दलाली की। एहसान ने 2008 से 2011 के बीच स्विस आधारित कंपनियों को लगभग 70 मिलियन पाउंड का लोन दिलाने के नाम पर यह दलाली ली और वहां से भाग गया। स्विस सरकार के आग्रह पर लंदन पुलिस ने 22 नवंबर 2022 को एहसान अली को गिरफ्तार किया था।

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