HAL: सुखोई विमान के निर्माण में लखनऊ का बढ़ता योगदान: एक महत्वपूर्ण कदम
HAL: लखनऊ, भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल सुखोई विमानों के निर्माण में लखनऊ का योगदान बढ़ने जा रहा है। हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) के लखनऊ स्थित संयंत्र को सुखोई विमान के अगले हिस्से यानी नाक (नोज) के निर्माण की जिम्मेदारी मिल सकती है।
रक्षा मंत्रालय स्तर पर चल रहा है मंथन
रक्षा मंत्रालय इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो यह लखनऊ के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि क्षेत्र का औद्योगिक विकास भी होगा।
सुखोई विमान की ताकत में होगी बढ़ोतरी
सुखोई विमान के अगले हिस्से में DRDO द्वारा विकसित उत्तम रडार लगाया जाएगा। इससे विमान की क्षमता बढ़कर 4.5 जनरेशन की हो जाएगी। इस अपग्रेड के बाद सुखोई विमान दुश्मन देशों के लिए और अधिक खतरनाक साबित होगा।
भारत की आत्मनिर्भरता को मिलेगा बढ़ावा
सुखोई विमान के कुछ हिस्सों का स्वदेशी निर्माण भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा और देश को रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा। यह देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कदम है।
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