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Lucknow News: दिलकुशा प्लाजा के नीचे 140 साल पुराने शिव मंदिर पर कब्जे का आरोप, एलडीए ने बिल्डर को भेजा नोटिस

मंदिर की जमीन पर निर्माण का आरोप!

Lucknow News: लखनऊ के हुसैनगंज इलाके में स्थित दिलकुशा प्लाजा नामक एक कमर्शियल कॉम्प्लेक्स एक नए विवाद में घिर गया है। स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि इस कॉम्प्लेक्स के नीचे 140 साल पुराना एक शिव मंदिर है, जिस पर निर्माण के दौरान कब्जा कर लिया गया। इस शिकायत के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कॉम्प्लेक्स के बिल्डर डॉ. शाहिद हुसैन को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मंदिर 1885 में गजराज सिंह द्वारा अपनी जमीन पर बनवाया गया था। 1918 से विभिन्न पुजारियों द्वारा यहाँ पूजा-अर्चना की जा रही है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि 1993 में तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट ने कॉम्प्लेक्स के निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया था और मंदिर परिसर स्थित बरगद के पेड़ को काटने से भी मना किया था, लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा। इसके बाद पं. रामकृष्ण दीक्षित ने ‘मीता दास गजराज सिंह मंदिर एवं भक्ति भावना जनहित एवं समिति’ नाम से एक समिति का पंजीकरण भी करवाया था।

वहीं, दिलकुशा प्लाजा के मालिक डॉ. शाहिद हुसैन का कहना है कि उन्होंने 1991 में जमीन खरीदकर एलडीए से नक्शा पास कराकर कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया था। उन्होंने मंदिर पर कब्जे के आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि मंदिर आज भी बेसमेंट में मौजूद है, जहाँ दुकानदार नियमित रूप से पूजा-पाठ करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण के दौरान मंदिर की मान-मर्यादा का पूरा ध्यान रखा गया था और उन्होंने एलडीए को कॉम्प्लेक्स से जुड़े सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं। बता दें कि डॉ. शाहिद हुसैन बसपा से जुड़े रहे हैं और उन्होंने 2012 में लखनऊ पश्चिम सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था।

एलडीए के जोनल अफसर शशि भूषण पाठक की अगुवाई में एक टीम ने मौके पर जाकर जांच की है। अब बिल्डर के जवाब का इंतजार है, जिसके बाद एलडीए आगे की कार्रवाई तय करेगा। इस मामले ने इलाके में चर्चा का माहौल गर्म कर दिया है और लोगों की निगाहें एलडीए के फैसले पर टिकी हैं।


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