Lucknow News: तालाब में कार डूबने से दो वकीलों की मौत!
खतरनाक मोड़, अंधेरा, और फिर हादसा, लखनऊ में सुरक्षा की कमी उजागर
Lucknow News: लखनऊ: चिनहट के नौबस्ता-तकरोही मार्ग स्थित भेलू तालाब में शनिवार सुबह एक कार के डूबने से दो वकीलों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों की पहचान हाई कोर्ट में स्टैंडिंग काउंसिल खरगापुर के कौशलपुरी निवासी कुलदीप कुमार अवस्थी और ब्रीफ होल्डर इंदिरानगर निवासी शशांक सिंह के रूप में हुई है। इस घटना ने इलाके में शोक की लहर फैला दी है।
खतरनाक मोड़ और रोशनी की कमी: स्थानीय लोगों के अनुसार, भेलू तालाब के पास एक खतरनाक मोड़ है, जहाँ अक्सर हादसे होते रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में भी इस तालाब में वाहन गिर चुके हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस जगह पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण रात के समय राहगीरों को खतरा बना रहता है। ग्रामीण लंबे समय से तालाब के किनारे बाउंड्री वॉल बनाने और स्ट्रीट लाइटें लगवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। स्थानीय निवासी आशाराम ने बताया कि कुछ महीने पहले भी एक कार इसी तालाब में गिरी थी, लेकिन दिन होने के कारण लोगों ने सभी को सुरक्षित निकाल लिया था। हालांकि, इस बार हादसा रात में हुआ, जिसके कारण किसी को समय रहते पता नहीं चल पाया और दो लोगों की जान चली गई।
परिजनों का हाल: इस हृदयविदारक घटना ने दोनों परिवारों को गहरा सदमा पहुंचाया है। शशांक की पत्नी मोहिता, जो गोंडा में अपने मायके में थीं, ने बताया कि हादसे से कुछ समय पहले ही उनकी शशांक से बात हुई थी। वहीं, कुलदीप के भाई मनीष ने बताया कि देर रात तक घर न पहुंचने पर उन्होंने कुलदीप को फोन किया था, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया था। अगली सुबह उन्हें पुलिस से हादसे की सूचना मिली। दोनों के परिजनों को शुरुआत में हादसे की पूरी जानकारी नहीं दी गई थी। उन्हें बताया गया था कि उनके बच्चे घायल हो गए हैं और लोहिया संस्थान में उनका इलाज चल रहा है। हालांकि, बाद में उन्हें सच्चाई बता दी गई।
पुलिस की जांच जारी: चिनहट कोतवाली प्रभारी भरत पाठक ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कुलदीप और शशांक आखिरी बार किससे मिलकर लौट रहे थे। पुलिस उनकी कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह हादसा था या कोई साजिश। कार का पीछे का शीशा टूटा हुआ था और एक शीशा आधा खुला हुआ था। इसके अलावा, दोनों की सीट बेल्ट भी बंधी हुई थी। ऐसे में कई सवाल हैं जिनका जवाब पुलिस को ढूंढना है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश: इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसे हादसे हो रहे हैं। उन्होंने तालाब के किनारे बाउंड्री वॉल और रोशनी की व्यवस्था करने की मांग को फिर से दोहराया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ध्यान दिया जाता तो दो युवाओं की जान बचाई जा सकती थी। अब देखना होगा कि प्रशासन इस घटना से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।
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