Municipal Corporation: लखनऊ में अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम टीम पर हमला, कर्मचारियों को पीटा, गाड़ियों में तोड़फोड़
Municipal Corporation: लखनऊ: इंदिरानगर में अवैध अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। इस दौरान कर्मचारियों को बुरी तरह पीटा गया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पांच थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी को बुलाना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, नगर निगम का दस्ता इंदिरानगर में प्राइवेट ठेलिया जब्त करने और अवैध रूप से बनी झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने गया था। कार्रवाई शुरू होते ही स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने नगर निगम (Nagar Nigam) के कर्मचारियों पर हमला बोल दिया। भीड़ ने कर्मचारियों को लाठी-डंडों से पीटा, कुछ को सड़क पर गिराकर भी मारा गया। इस दौरान एक महिला मैनेजर के कपड़े तक फाड़ दिए गए। कर्मचारियों के मोबाइल फोन और जैकेट भी छीन लिए गए। नगर निगम की एक अधिकारी की गाड़ी पर भी हमला किया गया और उसमें तोड़फोड़ की गई।
हमले की सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में किया। संयुक्त पुलिस आयुक्त के घोषणा के बाद झुग्गी में रहने वाले लोगों को जगह खाली करनी पड़ी, जिसके बाद बुलडोजर ने 20 झुग्गी-झोपड़ियों को जमींदोज कर दिया।
घटनास्थल पर पहुंची महापौर सुषमा खर्कवाल ने पुलिसकर्मियों से कहा कि यदि पार्षद और कर्मचारी पीटे जाएंगे तो उनके महापौर रहने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी गलत कर रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन किसी को भी नगर निगम के कर्मचारी पर हाथ उठाने का अधिकार नहीं है।
जांच में यह भी सामने आया कि झुग्गी-झोपड़ियों में बिजली और पानी के अवैध कनेक्शन थे। कुछ झुग्गियों में एसी, फ्रिज और टीवी भी लगे हुए थे। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने जलकल और लेसा के अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं कि इन झुग्गियों में कनेक्शन कैसे दिए गए। वहीं, खुद को प्लॉट का मालिक बताने वाले चांद बाबू के भाई तारिक का कहना है कि प्लॉट में बिजली कनेक्शन और सबमर्सिबल वैध तरीके से लगे हैं।
कार्रवाई के दौरान झुग्गी-झोपड़ियों से निकले मुर्गों को लेकर भी विवाद हुआ। एक कर्मचारी पर मुर्गा पकड़कर ले जाने का आरोप लगा है।
यह भी पता चला है कि प्राइवेट ठेलिया वालों ने सुगामऊ और चांदन गांव में भी कई बीघे में 150 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ियां बना रखी हैं। इंदिरानगर में कार्रवाई की सूचना पर इन बस्तियों के लोग भी सड़कों पर उतर आए।
कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि प्रशासन को ऐसे अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्राइवेट ठेलिया वाले कई सालों से शहर में कूड़ा उठा रहे थे और महापौर और विधायक द्वारा उन्हें बांग्लादेशी नागरिक बताने से राज्य और केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या नगर निगम को पहले यह जानकारी नहीं थी और अगर राजधानी में अवैध नागरिक हैं तो यह प्रशासन की विफलता क्यों नहीं मानी जानी चाहिए।
इस घटना ने नगर निगम के कर्मचारियों की सुरक्षा और शहर में अवैध अतिक्रमण की गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है।
( Municipal Corporation)
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