समाज सेवा से ही राष्ट्र निर्माण संभव : डॉ. शचीन्द्र शेखर
ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग के द्वारा विश्वविद्यालय के द्वारा गोद लिए गए गांवो में सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन का समापन किया गया इस विशेष शिविर के प्रथम दिवस पर शिक्षा जागरूकता के ऊपर ककौली, रोहड़ा पुरवा गांव में विशेष शिविर कार्यक्रम का आयोजन माननीय कुलपति प्रो. एन.बी. सिंह के संरक्षण में एनएसएस समन्वयक डॉ. नलिनी मिश्रा के नेतृत्व में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शचीन्द्र शेखर, डॉ. जफरून नकी के नेतृत्व में आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों एवम स्वयंसेवकों ने गांव के बच्चों और छात्रों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए शिक्षा की प्रासंगिकता और महत्ता पर जागरूकता अभियान चलाया गया।
इस सात दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन भाषा विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने स्त्री सशक्तिकरण के ऊपर ककोली और रोहड़ा पुरवा गांव में जागरूकता अभियान चलाया गया जिसमें महिलाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाए गए जिसमें बच्ची, किशोरी और वृद्ध महिलाओं के मध्य गांव में स्वयंसेवकों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया. शिविर के अन्य दिवस आयोजन सेव वाटर, सेव अर्थ की थीम पर शिविर के तीसरे दिन ककौली गांव में किया गया।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने गांव के लोगों से जल के आधारभूत कारकों से अवगत कराकर जन जागरुकता चलाया वहीं शिविर के दूसरे सत्र में कार्यक्रम अधिकारी डॉ.शचींद्र शेखर ने बताया , कि भागम- भाग एवं प्रोद्योगिकी के इस दौर में बिना जल सरंक्षण के जीवन की परिकल्पना असंभव है। हमको इस पर ध्यान देना चाहिये। डॉ. शेखर ने जल के तमाम पहलुओं पर बताते हुए उन्होंने पृथ्वी की विविधता के बारे में भी विस्तार से बताया कि जल सरंक्षण के बिना विकास की कल्पना भी अधूरी है। विशेष शिविर के चौथे दिन ककौली और पुरवा गांव में स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत विशेष अभियान चलाया गया जिसमें छात्र एवम छात्राओं ने ककोली गांव में जाकर के वहां के निवासियों से अपने घर के साथ साथ संपूर्ण गांव को साफ सुथरा रखने का आग्रह किया, स्वयंसेवकों ने पुरवा गांव के लोगों से कहा कि अपना घर आंगन साफ रखने से बीमारी से भी बचा जा सकता है तो वहीं दूसरी ओर सभी स्वयंसेवको ने स्वयं की प्रेरणा से गांव भर में झाड़ू लगाकर समाज में सेवा के माध्यम से योगदान भी दिया।
इस सात दिवसीय शिविर का आयोजन वृक्षारोपण की थीम पर शिविर के छठे दिन ककौली गांव में किया गया। शिविर कार्यक्रम के अभियान के तहत स्वयंसेवकों ने गांव में जाकर लोगों को समझाते हुए पेड़- पौधे अधिक से अधिक लगाने की ग्राम वासियों से अपील की। छात्र छात्रों ने वृक्षारोपण से होने वाली महत्ता के बारे में बताया तो साथ ही गांव के शमशान गृह में पौधारोपण भी किया। वृक्षों से होने वाले फायदों के बारे में बताया जो की वर्षा करने में सहायक होते हैं। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने गांव के लोगों से पौधारोपण के आधारभूत कारकों से अवगत कराकर जन जागरुकता चलाया साथ ही प्राथमिक एवम माध्यमिक विद्यालय ककौली के बच्चों के साथ मिलकर उन्हें वृक्षों से होने वाले लाभ के बारे में बताकर अवगत भी कराया। इस सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन एनएसएस समन्वयक डॉ. नलिनी मिश्रा, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शचीन्द्र शेखर, डॉ. जफरून नकी के नेतृत्व में किया गया. शिविर में अदीबा, इरम, राजकुमार और उमेर सहित विभिन्न विभाग के छात्र-छात्राएं ने कार्यक्रम में सहभागिता की.
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