रामलला को ‘जीवन’ देने की ज़रूरत क्यों? स्वामी प्रसाद मौर्य के सवाल से मचा बवाल
मौर्य के बयान से यूपी चुनावों में गरमाया सियासी माहौल
Swami Prasad Maurya: लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर राम पहले से जीवित थे तो प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत थी?
मौर्य ने कहा, “क्या राम निर्जीव हो गए थे जो प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत पड़ी। जो पहले से जीवित है उसमें प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत थी?” उन्होंने यह भी कहा कि “अपर कास्ट का हिंदू ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण खा रहा है और यह कहते हैं ओबीसी, एस सी और एसटी भी हिंदू हैं।”
मौर्य के इस बयान पर हिंदू धर्मगुरुओं और भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने मौर्य पर हिंदू धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया है।
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विवाद के मुख्य बिंदु:
- स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए।
- उन्होंने कहा कि अगर राम पहले से जीवित थे तो प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत थी?
- उन्होंने यह भी कहा कि अपर कास्ट का हिंदू ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण खा रहा है।
- हिंदू धर्मगुरुओं और भाजपा नेताओं ने मौर्य के बयान की निंदा की।
विवाद के संभावित परिणाम:
- मौर्य का यह बयान आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
- यह बयान ओबीसी और दलित मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है।
- यह बयान समाजवादी पार्टी के लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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