वायु प्रदूषण कम करने में एनटीपीसी की पहल
रायबरेली। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के ऊंचाहार संयंत्र में वायु प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में अनूठा प्रयोग किया गया है। निगम के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि यहाँ चतुर्थ चरण विस्तार क्षेत्र में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन ‘एफजीडी’ प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा है। इसी दिशा में चूना पत्थर के अनूठे प्रयोग की नई पहल की है, जिसकी मदद से वायु प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।
एफजीडी के अंतर्गत परियोजना में 15 हजार मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का उपयोग करते हुए फ्लाईओवर नुमा आर ई वॉल रैंप तैयार किया गया है, जो कि पूरे एनटीपीसी में पहली बार हुआ है। इस रैंप की सहायता से चूना पत्थर को परियोजना में लाकर उपयोग किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारत में पहली बार है कि किसी विद्युत ग्रह में फ्लाई ओवर नुमा आर ई वॉल रैंप को एफजीडी प्लांट की सेवा के लिए तैयार किया गया है।
इस आर ई वॉल रैंप के माध्यम से चूना पत्थर को सीधे तौर पर प्रयोग करने के लिए लेकर जाया जा सकेगा। इस नए प्रयोग के माध्यम से ना केवल वायु की गुणवत्ता का स्तर सुधरेगा बल्कि इसके माध्यम से गैसों में व्याप्त सल्फर की मात्रा को चूना पत्थर में मिश्रित कर कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित करने में भी मदद मिलेगी, जिससे आसपास के पर्यावरण का स्तर बेहतर बनाने में सहायता होगी।
गौरतलब है कि विद्युत उत्पादन प्रणाली में चिमनी के द्वारा जो प्रदूषण फैलाने वाली गैसें वायु प्रदूषण का कारण बनती थीं, इस प्रणाली के माध्यम से उन गैसों को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकेगा। एनटीपीसी कंपनी में ऊंचाहार परियोजना एफजीडी पोर्टफोलियो में चूना पत्थर प्राप्त करने वाली पहली परियोजना बनकर सामने आई है, जो अवशोषक को अभिकर्मक घोल में मिश्रित करने और उसका उपयोग करने के लिए अपने को तैयार कर लिया है।