Sawan 2022
Sawan : हिंदू धर्म में सप्ताह के सात दिनों में सोमवार का दिन कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव की साधना के लिए समर्पित है. इस दिन का महत्व तब और भी ज्यादा बढ़ जाता है जब यह श्रावण मास में पड़ता है.
मान्यता है कि श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार के दिन जप-तप और व्रत करने से साधक की सभी कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती है क्योंकि श्रावण को भगवान शिव का प्रिय मास माना जाता है. सोमवार का व्रत अक्सर महिलाएं अपने सौभाग्य, संतान और सुख-संपत्ति की प्राप्ति की कामना लिए करती हैं, लेकिन सावन में पड़ने वाले व्रत को महिला, पुरुष, बुजुर्ग-बच्चे सभी औढरदानी भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए करते हैं. आइए आज सावन के पहले सोमवार के दिन इस व्रत की विधि, धार्मिक महत्व और लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं.
कैसे रखें सावन सोमवार का व्रत
सावन सोमवार का व्रत रखने के लिए प्रात:काल उठने के बाद स्नान-ध्यान करें. यदि संभव हो तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद धुले हुए वस्त्र पहन कर भगवान शिव का ध्यान करें. ध्यान रहे कि भगवान शिव की पूजा कभी काले वस्त्र पहनकर न करें. भगवान शिव का ध्यान करने के बाद सावन के सोमवार व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प करें. इसके बाद भगवान शिव को दूध और गंगाजल से स्नान कराएं और उसके बाद भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय चीजें जैसे सफेद चंद्रन, भस्म रुद्राक्ष, बेलपत्र, शमीपत्र, भांग, धतूरा, बेल का फल, अक्षत आदि चढ़ाएं. इसके बाद भगवान शिव के मंत्र ॐ नम: शिवाय मंत्र का कम से कम एक माला जप अवश्य करें. महादेव की पूजा के बाद जो भी प्रसाद चढ़ाएं उसे अधिक से अधिक लोगों को बांटें.
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सावन सोमवार पर शिव पूजा का महाउपाय
आज श्रावण मास के सोमवार के दिन भगवान शिव को आक का पुष्प चढ़ाने पर वे शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनचाहा वर प्रदान करते हैं. मान्यता है कि श्रावण सोमवार के दिन आक के वृक्ष की जड़ को शिव के मंत्रों से अभिमंत्रित करके किसी व्यक्ति को पहना दिया जाए तो वह हमेशा बुरी नजर से बचा रहता है.
भगवान शिव को भूलकर न चढ़ाएं ये चीजें
आज सावन के सोमवार पर भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ उन्हें कुटज, नागकेसर, बंधूक, मालती, चंपा, चमेली, कुंद, जूही, केतकी, केवड़ा आदि का फूल बिल्कुल न चढ़ाएं और न ही उनकी पूजा में शंख या करताल का प्रयोग करें. भगवान शिव की पूजा करते समय उनकी आधी परिक्रमा करें और उनकी जलहरी को भूलकर भी न डाकें. भगवान शिव को शमीपत्र और बेलपत्र उलटा चढ़ाएं और उसके पीछे का मोटी डंठल को तोड़ दें.
सावन सोमवार व्रत का फल
सनातन परंपरा में सावन के सोमवार का व्रत भगवान शिव के आशीर्वाद और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रख जाता है. भगवान शिव के इस पावन व्रत के दिन उनकी पूजा, रुद्राभिषेक, जप-तप आदि करने से साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. भगवान शिव के इस व्रत से साधक की आयु बढ़ती है और उसे जीवन में किस भी प्रकार के शत्रु का भय नहीं रहता है. उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है. श्रावण मास में रखे जाने वाले सोमवार का व्रत करने से व्यक्ति को संतान सुख और मनचाहा वर प्राप्त होता है.
श्रावण के महीने में कब-कब पड़ेगा सोमवार का व्रत
- पहला श्रावण सोमवार व्रत 18 जुलाई 2022
- दूसरा श्रावण सोमवार व्रत 25 जुलाई 2022
- तीसरा श्रावण सोमवार व्रत 01 अगस्त 2022
- चौथा श्रावण सोमवार व्रत 08 अगस्त 2022
- पांचवां श्रावण सोमवार व्रत 12 अगस्त 2022
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Sawan Sawan
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