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US Tariff India: अमेरिका के 25% टैरिफ से भारत को झटका: F-35 लड़ाकू विमान सौदे पर भी असर?

US Tariff India: नई दिल्ली, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% शुल्क लगाने का चौंकाने वाला ऐलान किया है। यह नया टैरिफ 7 अगस्त से लागू होगा। अमेरिका के इस अचानक फैसले से भारतीय नीति-निर्माताओं को बड़ा झटका लगा है, और केंद्र सरकार अब अपने अगले कदम पर गंभीरता से विचार कर रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अधिकारी इस निर्णय से हैरान और निराश हैं। ऐसे में, भारत सरकार अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को बनाए रखने के लिए विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रही है।

F-35 लड़ाकू विमान: भारत का ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर

अमेरिकी टैरिफ (US Tariff India) के इस फैसले का असर अमेरिका द्वारा भारत को F-35 लड़ाकू विमान बेचने के प्रस्ताव पर भी पड़ा है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल सीधे खरीद के बजाय रक्षा उपकरणों के संयुक्त निर्माण और विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के अनुरूप है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में जानकारी दी है कि हालिया घटनाक्रम के बाद पड़ने वाले प्रभावों की जांच की जा रही है। इस बीच, सरकार ने लोकसभा में यह भी स्पष्ट किया कि F-35 लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर भारत और अमेरिका के बीच अभी तक कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है।

US Tariff India: F-35 चर्चा की शुरुआत और मौजूदा स्थिति

विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री (MoS) कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई मुलाकात के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया था। उस बयान में उल्लेख किया गया था कि अमेरिका भारत को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान जैसे F-35 और पानी के भीतर काम करने वाले सिस्टम बेचने की अपनी नीति पर विचार करेगा। हालांकि, मंत्री ने साफ किया कि इस मुद्दे पर अभी तक कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है।
हाल ही में, एक समाचार एजेंसी ने खबर दी थी कि भारत ने अमेरिका को F-35 जेट खरीदने में कोई दिलचस्पी न होने की जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री से यह भी पूछा गया था कि क्या सरकार ने अमेरिकी सैन्य सहायता प्रस्तावों और भारत की विदेश नीति की स्वायत्तता से जुड़े पहलुओं पर विचार किया है, खासकर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की स्थिति में।

भारत-अमेरिका संबंध और राष्ट्रीय हित की प्राथमिकता

केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने जवाब दिया कि भारत और अमेरिका की दोस्ती से दोनों देशों को लाभ हुआ है और उनके विचारों तथा सहयोग में लगातार वृद्धि हो रही है। भारत अपनी सभी बाहरी साझेदारियों का ध्यान रखता है, जिसमें रक्षा और रणनीतिक क्षेत्र भी शामिल हैं। भारत हमेशा अपने राष्ट्रीय हित और रणनीतिक स्वायत्तता को ध्यान में रखकर ही फैसले लेता है। उन्होंने जोर दिया कि भारत-अमेरिका की व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी आपसी विश्वास, साझा हितों, सद्भावना और दोनों देशों के नागरिकों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित है।

पाकिस्तान के साथ मुद्दों पर भारत का स्पष्ट रुख

तीसरे देश की मध्यस्थता के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि भारत का हमेशा से यह मानना रहा है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी मुद्दा होगा, तो उसे केवल आपसी बातचीत से ही सुलझाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बात सभी देशों को बता दी गई है, और प्रधानमंत्री मोदी ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति को यह बात स्पष्ट रूप से बता दी है। इस प्रकार, भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी बात दोनों देश मिलकर ही करेंगे।
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