Friday, March 31, 2023
More
    Homeउत्तर प्रदेशजौनपुर : सिपाही हत्याकांड में पूर्व सांसद उमाकांत यादव को उम्र कैद...

    जौनपुर : सिपाही हत्याकांड में पूर्व सांसद उमाकांत यादव को उम्र कैद की सजा

    Jaunpur : जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 27 साल पहले राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) के सिपाही की हत्या के आरोप में पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत सात आरोपितों को स्थानीय अदालत ने सोमवार को उम्र कैद और जुमाने की सजा सुनायी है।

    जौनपुर के अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय) शरद कुमार त्रिपाठी ने जीआरपी के सिपाही अजय सिंह की 1995 में हत्या करने के मामले में यादव को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की आधी धनराशि मृतक तथा 50-50 हजार रुपए घायलों को देने का भी आदेश अदालत ने दिया है।

    इस मामले में 04 फरवरी 1995 को जीआरपी के सिपाही रघुनाथ सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था कि दिन में लगभग दो बजे रायफल, पिस्टल और रिवाल्वर जैसे असलहों से लैस होकर आरोपी यादव पुलिस लॉकअप में बंद चालक राजकुमार यादव को जबरन छुड़ा ले गए। इस दौरान हुई अंधाधुंध फायरिंग में सिपाही अजय सिंह की मौत हो गयी थी, जबकि लल्लन सिंह और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गए थे।

    दिनदहाड़े हुई इस ताबड़तोड़ फायरिंग से इलाके में दहशत का माहौल बन गया था। इस मामले में पूर्व सांसद उमाकांत यादव, राजकुमार यादव, धर्मराज यादव, महेंद्र, सूबेदार, बच्चू लाल व सभाजीत पाल समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। बीच में पत्रावली एमपी एमएलए कोर्ट प्रयागराज चली गई। पुनः हाईकोर्ट के निर्देश पर पत्रावली दीवानी न्यायालय, जौनपुर में स्थानांतरित हुई और यहां के एमपी-एमएलए कोर्ट में फाइनल बहस शुरू होकर पूरी हुई।

    यहाँ पढ़े  : झांसी मे CMO के साथ , 4 प्रमुख स्वस्थ अधिकारी पाए गए कोरोना पॉजिटिव , मचा हड़कंप

    इसके पश्चात अदालत ने गत 06 अगस्त को पूर्व सांसद उमाकांत सहित 7 लोगों को सिपाही की हत्या व अन्य को घायल करने के आरोप में दोषी करार दिया। अदालत ने आज उमाकांत यादव समेत 7 लोगों को जीआरपी के सिपाही अजय सिंह की हत्या व अन्य को घायल करने के आरोप में आजीवन कारावास एवं 5 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।

    बसपा से मछलीशहर से एक बार सांसद बने उमाकांत यादव की गिनती बाहुबली नेताओं में होती है। वे खुटहन से लगातार तीन बार विधायक रहे। उमाकांत यादव 1991 में बसपा से खुटहन विधानसभा (अब शाहगंज विधानसभा) से विधायक बने थे। इसके बाद 1993 में वे सपा-बसपा गठबंधन से दूसरी बार इसी सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 04 फरवरी 1995 को जीआरपी सिपाही हत्याकांड हुआ था, हालांकि 1996 के चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन टूटने के बाद उमाकांत यादव बसपा का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी में चले गए और खुटहन से सपा के ही टिकट पर विधायक बने थे।

    उमाकांत यादव पर आजमगढ़ में जबरन एक घर गिरवाने का आरोप लगा था। बताया जाता है कि मायावती ने उन्हें लखनऊ में अपने घर बुलवाया था, बाहर पुलिस खड़ी थी, उमाकांत यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। वे लंबे समय तक जेल में रहे। मुख्यमंत्री रहते मायावती के इस फैसले से सब हैरान रह गए थे।

    इसके बाद 2002 के विधान सभा चुनाव में उमाकांत यादव ने भाजपा-जदयू गठबंधन से खुटहन से चुनाव लड़ा, लेकिन बसपा प्रत्याशी शैलेंद्र यादव ललई से हार गए। उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में जेल से ही एक बार फिर मछलीशहर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी केसरीनाथ त्रिपाठी को हरा कर सांसद बने थे।

    इसके बाद साल 2007-08 में जेल में रहते हुए उमाकांत यादव पर जौनपुर में गीता नाम की महिला की जमीन फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने का आरोप लगा था। गीता की याचिका पर जौनपुर दीवानी न्यायालय ने उन्हें सात साल की सजा सुनाई। विधानसभा 2012 के चुनाव में मल्हनी विधान सभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उन्होंने पर्चा भरा था लेकिन, चुनाव आयोग ने शपथ पत्र में खामियां पाये जाने केे कारण उनका नामांकन निरस्त कर दिया था।

    Jaunpur Jaunpur Jaunpur


    यहाँ पढ़े  : लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद कोर कमांडर नियुक्त

    ई-पेपर :http://www.divyasandesh.com  

    RELATED ARTICLES
    - Advertisment -

    Most Popular

    Recent Comments