Vote Chori: विपक्ष क्यों कर रहा है मुख्य चुनाव आयुक्त पर महाभियोग का विचार?
मुख्य चुनाव आयुक्त पर लगे 'वोट चोरी' के आरोपों पर चुनाव आयोग की सफाई

Vote Chori: हाल ही में, मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की चर्चा ने जोर पकड़ा है। सूत्रों के अनुसार, कई विपक्षी दल इस मुद्दे पर मंथन कर रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ (Vote Chori) वाले आरोपों और बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष लगातार विरोध जता रहा है। इन आरोपों के बीच, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अपना पक्ष स्पष्ट किया।
चुनाव आयोग का कड़ा रुख
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को निराधार बताया। आयोग ने साफ कहा कि ऐसे झूठे आरोपों से न तो आयोग डरता है और न ही मतदाता। आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करें और हर हाल में मतदान करें। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी नजर में न कोई सत्ता पक्ष है, न कोई विपक्ष; सभी राजनीतिक दल समान हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त, ज्ञानेश कुमार, ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आयोग निडर होकर और निष्पक्षता से अपना काम करता रहेगा। उनका कहना था कि आयोग का मुख्य उद्देश्य सभी मतदाताओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना है, बिना किसी राजनीतिक दबाव के।
Vote Chori: मतदाता सूची में गड़बड़ी पर विपक्ष और आयोग आमने-सामने
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष और चुनाव आयोग के बीच मतभेद गहरा गए हैं। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के तहत करोड़ों पात्र मतदाताओं को दस्तावेजों की कमी के कारण वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है।
इसके जवाब में, चुनाव आयोग ने बताया कि इस पुनरीक्षण का मकसद केवल यह सुनिश्चित करना है कि हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो और संदिग्ध या अयोग्य व्यक्तियों के नाम हटा दिए जाएं। आयोग ने यह भी जानकारी दी कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक चली इस प्रक्रिया में अब तक 28,370 मतदाता अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
इस मामले ने अब सुप्रीम कोर्ट तक का रुख कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह बिहार में मतदाता सूची से हटाए गए लगभग 65 लाख नामों का पूरा विवरण सार्वजनिक करे। साथ ही, यह भी बताए कि इन नामों को किस आधार पर हटाया गया है। चुनाव आयोग ने कोर्ट को इस निर्देश का पालन करने का आश्वासन दिया है।
यह विवाद संसद के मानसून सत्र में भी गूंजा है। कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग की संभावना पर कहा कि पार्टी ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन यदि जरूरत पड़ी, तो कांग्रेस नियमों के अनुसार महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है।
इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए, यह कहना मुश्किल नहीं है कि भारतीय लोकतंत्र में चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और कार्यप्रणाली को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है।
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