Wildlife Tourism:कुकरैल नाइट सफारी से बदलेगी राज्य की तस्वीर

Wildlife Tourism:लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए एक महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘कुकरैल नाइट सफारी एवं एडवेंचर पार्क’ की आधारशिला रखी है, जो देश का पहला नाइट सफारी होगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाने का लक्ष्य रखती है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
- अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन: इस सफारी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन किया गया है, जो इसे विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाएगा।
- पर्यावरण संरक्षण: यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण के प्रति योगी सरकार की गंभीरता को दर्शाती है।
- वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा: नाइट सफारी वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा, जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- आधुनिक सुविधाएँ: सफारी में आधुनिक सुविधाओं का समावेश होगा, जो पर्यटकों के लिए आरामदायक और सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित करेगा।
- पहले चरण का निर्माण: पहले चरण में 631 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसका निर्माण 65,254 वर्ग मीटर में किया जाएगा।
- विस्तृत क्षेत्र: इस परियोजना को 34.59 लाख स्क्वेयर मीटर (855.07 एकड़) के प्रसार क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।
- निर्माण कार्य की शुरुआत: अप्रैल महीने से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
योगी सरकार की प्राथमिकता:
योगी सरकार ने इस परियोजना को शीघ्रता से पूरा करने के लिए उच्च प्राथमिकता दी है। यह परियोजना न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।
कुकरैल नाइट सफारी का महत्व:
कुकरैल नाइट सफारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखेगा। यह सफारी देश और विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करेगा और राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को प्रदर्शित करेगा। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।
कुकरैल नाइट सफारी उत्तर प्रदेश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह परियोजना राज्य में वन्यजीव पर्यटन को एक नया आयाम देगी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाएगी।
Wildlife Tourism
यह भी पढ़े: Women crime: लखनऊ में महिला सुरक्षा की विफलता: बढ़ते अपराध, खोखले दावे
इ-पेपर : Divya Sandesh