Aravali Bulldozer Action: अरावली में 6000 से ज्यादा अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलने की तैयारी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन
Aravali Bulldozer Action: फरीदाबाद, अरावली पहाड़ियों पर अवैध कब्जों के खिलाफ प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। शुक्रवार से 6000 से ज्यादा अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में की जा रही है, जिसका उद्देश्य अरावली के वन क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराना है।
कार्रवाई की मुख्य बातें:
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश: यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के 21 जुलाई 2022 के उस आदेश के तहत हो रही है, जिसमें पंजाब भू संरक्षण अधिनियम 1900 की धारा 4 और 5 के तहत बने सभी अवैध निर्माणों को हटाने और वन विकसित करने के निर्देश दिए गए थे।
- चरणबद्ध कार्रवाई: अवैध निर्माणों की बड़ी संख्या को देखते हुए, तोड़फोड़ की कार्रवाई कई चरणों में पूरी की जाएगी। उम्मीद है कि जनवरी के अंत तक सभी अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए जाएंगे।
- प्रशासनिक तैयारी: वन विभाग ने जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस से सहयोग मांगा है ताकि कार्रवाई सुचारू रूप से चल सके।
- राजनीतिक दबाव की आशंका: सूत्रों के अनुसार, इस बड़ी कार्रवाई पर राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव भी है, जिसके चलते कार्रवाई में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
- खोड़ी कॉलोनी से सबक: 2021 में खोड़ी कॉलोनी के 6000 से ज्यादा घरों को तोड़ा गया था। इसके बाद, याचिकाकर्ताओं ने अरावली के अन्य हिस्सों में बने फार्महाउस, स्कूल, कॉलेज और कॉलोनियों पर भी कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था।
अवैध कब्जों का केंद्र:
वन विभाग के सर्वे के अनुसार, अरावली वन क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध कब्जे अनंगपुर, अनखीर, लकड़पुर और मेवला महाराजपुर में हैं। इन चार गांवों में कुल 6793 अवैध निर्माण पाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक:
- अनंगपुर: 5948 अवैध निर्माण
- अनखीर: 339 अवैध निर्माण
- लकड़पुर: 313 अवैध निर्माण
- मेवला महाराजपुर: 193 अवैध निर्माण
अरावली का संरक्षण:
यह कार्रवाई अरावली पहाड़ियों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए, प्रशासन अवैध कब्जों को हटाने और वन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Aravali Bulldozer Action
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