GST : खाने की जरूरी चीजों पर 5% GST लगाने के फैसले से व्यापारी परेशान, सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन की तैयारी
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GST : प्री-पैक और प्री-लेबल वाले खाद्यान्न, दही, बटर मिल्क आदि आवश्यक चीजों पर 5 फीसदी जीएसटी (GST) लगाने के फैसले का विरोध होना शुरू हो गया है.
देश के व्यापारिक समुदाय, खाद्यान्न और एपीएमसी एसोसिएशनों ने जीएसटी काउंसिल द्वारा लिए गए इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा. इस फैसले से प्रभावित व्यापारिक सेक्टर के व्यापारी, देश के हर राज्य में जोरदार प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं. लिहाजा, आने वाले समय में खाद्यान्न व्यापार के भारत बंद की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
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फैसले के खिलाफ संपर्क में हैं देशभर के व्यापारी संगठन
फैसले के लिए कैट ने राज्यों के वित्त मंत्रियों को ठहराया जिम्मेदार
व्यापारियों के साथ-साथ किसानों पर भी पड़ेगा बुरा असर
दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से भारत में पहली बार आवश्यक खाद्यान्नों को टैक्स के दायरे के तहत लिया गया है, जिसका न केवल व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा बल्कि कृषि क्षेत्र पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इस फैसले से छोटे निर्माताओं और व्यापारियों की कीमत पर बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा.
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जीएसटी कलेक्शन बढ़ने के बावजूद क्यों लगाया जा रहा है टैक्स
देश के तमाम राज्यों में होगी बैठक
दोनों नेताओं ने कहा कि अब तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा में राज्य स्तरीय बैठक हो चुकी हैं और अगले सप्ताह पश्चिम बंगाल, केरल, गुजरात में व्यापार जगत के नेता मिलेंगे. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में भी बैठकें होंगी. कैट ने कहा, ”ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्यों के वित्त मंत्री, खाद्यान्न और अन्य वस्तुओं में काम करने वाले छोटे निर्माताओं और व्यापारियों के हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं.”
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