औद्योगिक विकास विभाग से हटेंगे नक्कारे अफसर!
- अब साकार होगा यूपी को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का सपना
Industrial Development Department : लखनऊ। यूपी को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने औद्योगिक विकास विभाग में बोझ बने (IAS) आईएएस अफसरों की सफाई अभियान सरकार ने शुरू कर दिया है। इससे उम्मीद की जा रही है कि सरकार की प्राथमिकता वाले प्रोजेक्टों में तेजी आएगी।
बताते चलें कि फरवरी माह में हुए सफल (Global Investors Summit) ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के बाद से निवेश के लिए आए प्रस्तावों को जमीन पर लाने के लिए सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए थे। (Industrial Development Department) औद्योगिक विकास विभाग से पूर्व (IIDC) आईआईडीसी अरविन्द्र कुमार के बाद से गतिविधियां काफी ठप हो गई थीं। इसके बाद इस विभाग की कमान तेजतर्रार आईएएस अफसर (IAS Manoj Kumar Singh) मनोज कुमार सिंह के हाथ में आईआईडीसी के तौर पर दी गई। प्रमुख सचिव के तौर पर वरिष्ठ (IAS Narendra Bhushan) आईएएस नरेन्द्र भूषण को तैनात किया गया। औद्योगिक विभाग में विपरीत कार्यप्रणाली वाले (Officers) अफसरों की तैनाती से विभाग का कार्य प्रभावित होने लगा था। आईआईडीसी की सुपर फास्ट कार्यप्रणाली के आगे काम न करने वाले प्रमुख सचिव नरेन्द्र भूषण की वजह से काम प्रभावित होने लगा। नरेन्द्र भूषण इससे पूर्व लोक निर्माण में तैनात थे।
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इन महोदय की सुस्त कार्यप्रणाली का यह रिजल्ट रहा कि करोड़ों रुपए का बजट बगैर सड़क निर्माण के सरेन्डर हो गया। यूपीसीडा और उपशा में सभी काम और प्रोजेक्ट प्रभावित होने लगे। काम से बचने के लिए अपनी पॉवर भी एसीईओ को ट्रांसफर करने की कवायद की थी। लेकिन आईआईडीसी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके बाद से आईआईडीसी के हर प्रयास को नाकाम करने के लिए अंडग़ेबाजी शुरू कर दी थी। साथ ही अपने अधीन सजातीय अफसरों को भी काम शिथिल करने के इशारे किए। जिससे आईआईडीसी के प्रयास सफल न हो पाएं।
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जब सरकार को अफसरों की इन कार्यप्रणाली के बारे में पता चला कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले हर प्रोजेक्ट लेट हो रहे हैं। इन सब बातों को संज्ञान में लेते हुए सरकार ने औद्योगिक विकास विभाग में तैनात 1992 बैच के आईएएस नरेंद्र भूषण और वर्ष 2003 बैच की चर्चित आईएएस (Ritu Maheshwari) रितु माहेश्वरी का पद कम किया गया। (Yogi Adityanath) सीएम योगी के निर्देश पर नरेंद्र भूषण के पास से सीईओ उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क प्राधिकरण (उपशा) का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया। साथ ही नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी से भी ग्रेटर नोएडा के सीईओ का अतिरिक्त प्रभार हटा लिया गया और गोरखपुर के मंडलायुक्त रवि कुमार एन जी को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण का सीईओ बना दिया गया।
जबकि यूपीडा और उपशा का दायित्व सूबे के औद्योगिक विकास आयक्त मनोज कुमार सिंह को अतिरिक्त प्रभार के रुप में सौंपा गया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि गंगा एक्सपे्रसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य में लापरवाही और नोएडा अथॉरिटी के 200 करोड़ रुपए की एफडी कराने के प्रकरणचलते नरेंद्र भूषण और रितु माहेश्वरी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। चर्चाएं यह भी हैं कि जल्द ही इन दोनों अफसरों की औद्योगिक विभाग से विदाई हो सकती है। इसके साथ ही वे अफसर भी हटाए जा सकते हैं जो मु यमंत्री की प्राथमिकता वाले प्रोजेक्टों में लापरवाही किए हैं।
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