Malegaon Case: इंदौर में फर्जी गवाह बनाने का खुलासा, जांच एजेंसियों पर उठे सवाल!

Malegaon Case: इंदौर, मालेगांव बम धमाकों के आरोपियों की हालिया रिहाई के बाद, तत्कालीन जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। विशेषकर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से जुड़े मामले में, इंदौर में फर्जी गवाह तैयार करने और उन्हें धमकाने व लालच देने का सनसनीखेज आरोप सामने आया है। यह खुलासा जांच अधिकारियों की भूमिका पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।
साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ झूठी गवाही का दबाव!
महाराष्ट्र एटीएस ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को गुजरात से हिरासत में लिया था। एटीएस ने दावा किया था कि बम धमाके में इस्तेमाल मोटरसाइकिल साध्वी प्रज्ञा के नाम पर पंजीकृत थी और इसकी मरम्मत इंदौर के पलासिया क्षेत्र में हुई थी। इसी आधार पर एटीएस टीम ने इंदौर के मैकेनिक जितेंद्र शर्मा से पूछताछ की और उन पर धमाकों में सहयोग करने का आरोप लगाया।
जितेंद्र शर्मा ने अब चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया है कि एटीएस अधिकारी उन्हें लगातार पूछताछ के लिए बुलाते थे। उनके अनुसार, “एटीएस अधिकारियों ने मुझ पर साध्वी प्रज्ञा का नाम लेने के लिए दबाव बनाया। उन्होंने मुझे सरकारी गवाह बनाने और इसके बदले में लालच देने की पेशकश भी की।” यह आरोप जांच के दौरान अपनाई गई संदिग्ध प्रक्रियाओं की ओर इशारा करता है।
Malegaon Case: संदीप डांगे और रामजी कलसांगरा के परिवार भी परेशान
मालेगांव धमाके में साध्वी प्रज्ञा सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी, श्याम साहू और धर्मेंद्र जैसे कई प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, संदीप डांगे और रामजी कलसांगरा को कथित तौर पर फरार दर्शाया गया। इन दोनों पर बम बनाने का आरोप था।
संदीप डांगे के पिता, जो एसजीएसआईटीएस से इंजीनियरिंग कर चुके थे, ने जांच एजेंसियों के उत्पीड़न पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने बताया, “एटीएस वाले कभी डाकिया बनकर तो कभी सब्जीवाला बनकर हमारे घर आते थे और संदीप का पता पूछते थे। हम लगातार पूछताछ और बयानों से परेशान हो गए थे।” इसी तरह, रामजी कलसांगरा के घर पर भी लगभग 50 बार तलाशी ली गई, जिससे उनके परिवार को भारी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
इन खुलासों के बाद, मालेगांव धमाके की जांच प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं और कुछ व्यक्तियों के खिलाफ जानबूझकर साक्ष्य गढ़ने के आरोपों की गहन समीक्षा की मांग उठ रही है। यह मामला भारतीय न्याय प्रणाली में निष्पक्ष जांच के महत्व को एक बार फिर रेखांकित करता है।
Malegaon Case
यह भी पढ़े: Kulgam Encounter: कुलगाम मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, ‘ऑपरेशन अखल’ जारी
इ-पेपर : Divya Sandesh